नई दिल्ली. भारत की बेटी और पाकिस्तान की बहू सानिया मिर्जा ने एक बड़ा ऐलान किया है.
टेनिस खिलाड़ी ने संन्यास का ऐलान किया है. ऑस्ट्रेलियन ओपन खेलने पहुंचीं सानिया मिर्जा ने कहा है कि 2022 उनका आखिरी सीजन होगा. यानी इस साल वह आखिरी बार कोर्ट पर दिखेंगी.
बता दें कि सानिया मिर्जा ने बुधवार को ऑस्ट्रेलियन ओपन 2022 में महिला युगल के पहले दौर में हार के बाद संन्यास लेने की घोषणा किया है. सानिया मिर्जा ने कहा कि मैंने तय किया है कि यह मेरा आखिरी सीजन होगा. मुझे नहीं पता कि मैं इस सीजन भी पूरा खेल पाऊंगी. स्लोवेनिया की काजा जुवान और तमारा जिदानसेक ने पहले दौर में मिर्जा और किचेनोक को 6-4, 7-6 से हराया.
सानिया मिर्जा ने महिला डबल्स में 2016 में ऑस्ट्रेलियन ओपन, 2015 में विम्बलडन और यूएस ओपन का खिताब जीता था. वहीं, मिक्स्ड डबल्स में वह 2009 में ऑस्ट्रेलियन ओपन, 2012 में फ्रेंच ओपन और 2014 में यूएस ओपन का खिताब जीत चुकी हैं.
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मैच के बाद सानिया ने कही ये बात
ऑस्ट्रेलिया ओपन में अपने मुकाबले के बाद सानिया मिर्जा ने कहा कि ‘मेरा संन्यास लेने के कुछ कारण हैं. मुझे लगता है कि मेरे ठीक होने में अधिक समय लग रहा है, मैं अपने 3 साल के बेटे को उसके साथ इतनी यात्रा करके जोखिम में डाल रही हूं, यह कुछ ऐसा है जिसे मुझे ध्यान में रखना है. मुझे लगता है कि मेरा शरीर खराब हो रहा है. आज मेरा घुटना बहुत दर्द कर रहा था और मैं यह नहीं कह रही कि यही कारण है कि हम हार गए लेकिन मुझे लगता है कि मुझे ठीक होने में समय लग रहा है.’
2003 में किया डेब्यू
सानिया मिर्जा ने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत 2003 में की थी. पिछले 19 साल से वह लगातार टेनिस खेल रही हैं. सानिया डबल्स में नंबर-1 भी रह चुकी हैं. कमर में चोट के कारण उन्होंने सिंगल्स खेलना छोड़ दिया था. वह सिंगल्स में शीर्ष 100 में पहुंचने वाली एकमात्र भारतीय महिला खिलाड़ी भी हैं.
एजुकेशन
सानिया मिर्जा का जन्म 15 नवंबर 1986 को सपनों के शहर मुंबई में हुआ था. जबकि सानिया की प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद के NASR स्कूल में हुई हैं. इसके बाद की पढ़ाई भी सानिया मिर्जा ने यहीं हैदराबाद के सेंट मैरी कॉलेज से की थी.
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इसके अलावा उन्होंने ग्रेजुएशन भी हैदराबाद के सेंट मैरी कॉलेज से किया है. वहीं उन्हें 11 दिसंबर 2008 को चेन्नई में MGR शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी मिली है.
6 साल में शुरू किया प्रैक्टिस
सानिया को कामयाब बनाने में उनके पिता का अहम योगदान है. हैदराबाद के निजाम क्लब में सानिया ने 6 साल की उम्र से टेनिस खेलना शुरू किया. महेश भूपति के पिता और भारत के सफल टेनिस प्लेयर सीके भूपति से सानिया ने अपनी शुरुआती कोचिंग ली थी.
भारत के लिए टेनिस में अच्छे प्रदर्शन की वजह से साल 2004 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया जा चुका है. इसके अलावा उन्हें 2006 में पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. पद्मश्री पाने वाली सानिया सबसे कम उम्र की महिला खिलाड़ी भी हैं.
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