टेस्ला और स्पेसएक्स और ट्विटर के प्रमुख एलन मस्क (Elon Musk) भारत में स्टारलिंक लाने को लेकर बेहद तत्पर हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरा (PM Modi US Visit 2023) के दौरान मस्क ने पीएम मोदी के साथ हुई मीटिंग (PM Modi-Elon Musk meeting) में स्पेसएक्स के क्रांतिकारी उपग्रह इंटरनेट समूह, स्टारलिंक (Starlink)को भारत में लाने के लिए अपना उत्साह व्यक्त किया. इससे ग्रामींण भारत में हाई स्पीड इंटरनेट संभव हो सकता है. देश भर के दूरस्थ और कम सेवा वाले क्षेत्रों में विश्वसनीय और हाई स्पीड इंटरनेट एक्सेस करने में स्टारलिंक के महत्व को रेखांकित किया. इस मीटिंग में मस्क ने भारत के विकास के लिए सही कदम उठाने के दृढ़ संकल्प के लिए पीएम मोदी की सराहना की.
एलन मस्क की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के साथ मंगलवार को एक बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद मस्क ने कहा कि वे भारत में स्टारलिंक लॉन्च करने के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने कहा कि स्टारलिंक भारत के दूरदराज के गांवों में जहां इंटरनेट नहीं है या स्पीड कम है, वहां अविश्वसनीय रूप से मदद कर सकता है.
क्या है स्टारलिंक
Starlink, SpaceX द्वारा संचालित एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. यह एक सेटेलाइट इंटरनेट ग्रुप है जिसे वैश्विक ब्रॉडबैंड कवरेज प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. नेटवर्क में हजारों छोटे सेटेलाइट शामिल हैं जो अपेक्षाकृत कम ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए एक साथ काम कर रहे हैं. यह अनूठा दृष्टिकोण स्टारलिंक (Starlink)को दूरस्थ और कम सेवा वाले क्षेत्रों में तेज़ और विश्वसनीय इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाता है जहां पारंपरिक स्थलीय बुनियादी ढांचा या तो सीमित है या मौजूद नहीं है.
स्टारलिंक ने 2021 में भारत में किया था रजिस्टर
आइए अब बात करते हैं स्टारलिंक और भारत के कनेक्शन की? ऐसा पहली बार नहीं है जब स्टारलिंक की इंडिया में आने की बात हो रही है, याद दिला दें कि 2021 में, स्टारलिंक ने स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड नाम के एक लोकल यूनिट के जरिए भारत में अपनी सर्विस को रजिस्टर किया था. कंपनी का प्लान दिसंबर 2022 तक 200,000 ग्राहकों तक पहुंचने का था और घोषणा के बाद कंपनी को 5,000 प्री-ऑर्डर भी मिले थे. 2021 के अंत में, सरकार ने स्टारलिंक से कहा कि भारत में अपनी सेवाएं देने के लिए उन्हें पहले लाइसेंस लेना होगा. यही नहीं सरकार ने कंपनी को ज्यादा बुकिंग लेने के लिए चेतावनी भी दी थी, सरकार ने साथ ही लोगों को स्टारलिंक की सेवाएं न खरीदने के लिए भी सूचित किया था.
स्टारलिंक की एंट्री से क्या होगा फायदा
पीएम मोदी और एलन मस्क की हाल ही में मीटिंग के बाद फिर से स्टारलिंक की भारत में एंट्री का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है. लेकिन सवाल ये है कि क्या स्टारलिंक के भारत में एंट्री से इंडिया के इंटरनेट इकोसिस्टम किस तरह बदलेगा? कहा जा रहा है कि स्टारलिंक के भारत में आने से इंटरनेट स्पीड और अन्य चीजों में सुधार होगा. खासतौर से जब इंडिया में 5जी की पहुंच को बढ़ाने के लिए काम चल रहा है. स्टारलिंक दूरदराज क्षेत्र में भी हाई स्पीड इंटरनेट पहुंचाने में सक्षम है. हालांकि 300Mbps की स्पीड रिमोट एरिया में मुमकिन तो नहीं होगी लेकिन हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा का फायदा यूजर्स को जरूर मिलेगा.
56 से ज्यादा देशों में है स्टारलिंक सर्विस
मस्क (Elon Musk)की कंपनी फिलहाल साल 2023 से आगे वैश्विक मोबाइल फोन सर्विस प्रदान करने के फ्यूचर के मकसद के साथ 56 से ज्यादा देशों में सेटेलाइट इंटरनेट एक्सेस कवरेज प्रदान करती है. स्पेसएक्स द्वारा स्टारलिंक (Starlink) सेटेलाइट्स की तैनाती 2019 में शुरू हुई. दिसंबर 2022 में, स्पेसएक्स ने 1 मिलियन (10 लाख) ग्राहकों के मील के पत्थर को पार करने की घोषणा की, जो मई 2023 तक बढ़कर 1.5 मिलियन ग्राहक हो गया.
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