बिलासपुर। राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी बिलासपुर के मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ता विभाग ने मानसिक रोगियों के परिजनों एवं जनजाग्रति के लिए जागरूकता, परामर्श और काउंसलिंग के लिए सप्ताह में चार दिन के कार्यक्रम की शुरुआत चिकित्सालय परिसर मेंं की. जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मानसिक रोगियों के परिजनों को मानसिक बीमारियों की जानकारी देना है. परिजनों को मानसिक बीमारी के बारे में जानकारी का अभाव रहता है. परिजन पहले मानसिक बीमारी की पहचान नहीं कर पाने की वजह से बैगा और झांड फूंक के चक्कर में फंस कर बीमारी को बढ़ाकर चिकित्सालय में लाते हैं, जिसके कारण इलाज सही समय पर शुरू नहीं हो पाता है और मानसिक समस्या और जटिल हो जाती है.

कार्यक्रम की शुरूआत चिकित्सालय के अधीक्षक डाॅ. प्रभु चौधरी, मनोरोग विशेषज्ञ डाॅ. आशुतोष तिवारी, डाॅ. आयुष लाल, मेडिकल आफिसर डाॅ. प्रशांत कौशिक, डाॅ. शीना आनंद, डाॅ. श्वेता लाल, नर्सिंग अधीक्षक शीला वानी, मैट्रन खेलकला माण्ड्रे, जीनस सिस्टर, साधना जायसवाल, टांडी सिस्टर के हाथों बैनर का ओपनिंग कर की गई. डॉ. प्रभु चौधरी ने कहा कि चिकित्सालय में इस तरह की नई शुरूआत की जा रही है ताकि दूरदराज से आने वाले परीजनों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी उपलब्ध कराई जा सके. मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष तिवारी ने कहा कि इससे दूरगामी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे और मानसिक स्वास्थ्य के स्तर में सामाजिक रूप से सुधार भी होगा.

मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ता जरीना सिद्दीकी ने सप्ताह दिवस कार्यक्रम की जानकारी विस्तार से दी, जिसमें बताया गया कि मंगलवार से शुक्रवार तक प्रत्येक सप्ताह जागरूकता दिवस में सिजोफ्रेनिया, मूड डिसार्डर, नशा संबंधित बीमारी, चिंता, अवसाद, बच्चो से संबंधित बीमारियों के बारे मे जानकारी दी जाएगी. डाॅ. दीप्ति धुरंधर ने उपस्थित अतिथियों, अधिकारी, कर्मचारी, चिकित्सालय स्टाफ, नर्सिंग छात्र छात्राओं, परिजनों का धन्यवाद और आभार प्रकट किया. मंच संचालन डॉ. अलका अग्रवाल ने किया.