नई दिल्ली। नागपुर रेलवे स्टेशन पर ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ की तर्ज पर एक रिटायर ट्रेन कोच में ‘रेस्टोरेंट ऑन व्हील्स’ पर मशहूर हल्दीराम रेस्टॉरेंट शुरू किया गया है।

‘पैलेस ऑन व्हील्स’ की तर्ज पर ही इस रेस्टोरेंट को भी शाही लुक दिया गया ताकि यहां आने वाले रेलवे के शुरूआती दिनों के उन कोच का अनुभव ले सकें, जिसमें अन्य सुविधाओं के साथ ही सभी तरह का खान-पान उपलब्ध रहता था। दरअलस भारत में जितनी भी लक्जरी ट्रेन हैं, उनमें इसे सिरमौर माना जाता है। लक्जरी ट्रेनों में यह सबसे पहले शुरू भी हुई है, पैलेस ऑन व्हील्स इसमें ऐसे कोच लगे हैं जिसका इस्तेमाल कभी हैदराबाद के निजाम, राजपुताना राजवाड़े के शासक और ब्रिटिश वाइसरॉय किया करते थे।

Started on the lines of ‘Palace on Wheels’, ‘Restaurant on Wheels’ in a retired train coach.

उसी शाही परिवारों के सदस्यों का अंदाज और रसूखदार को ध्यान में रखकर इस रेस्टोरेंट को डिजाइन किया गया है। रेलवे की मदद से नागपुर स्टेशन के बाहर एक रिटायर रेल कोच में बेहतरीन ‘रेस्टोरेंट ऑन व्हील्स’ शुरू किया गया है। साथ ही इस रेस्टोरेंट को स्थानीय संस्कृति के आधार पर भी डेकोरेट किया गया है। खासतौर पर नमकीन व मिठाई के लिए मशहूर हल्दीराम ने इस रेल कोच को रेस्टॉरेंट के तौर पर डिजाइन किया है। इस रेल कोच रेस्टोरेंट में 40 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। रेस्टोरेंट ऑन व्हील्स में एक ग्राहकों के लिए एक डाइनिंग हाल भी बनाया गया है। इसमें स्टेशन पहुँचने वाले ग्राहकों की मांग पर नॉर्थ और साउथ इंडिया सहित सब तरह के व्यंजन उपलब्ध होंगी।

जानकारी के अनुसार फिलहाल रेलयात्रियों के मद्देनजर ह्यरेस्टोरेंट ऑन व्हील्स चौबीस घंटे और सातों दिन खुला रहेगा। इस रेस्टोरेंट में रेलवे यात्रियों के साथ ही आम नागरिक भी जा सकते हैं।

हालांकि पैलेस व्हील्स की सवारी बहुत महंगी है, आम लोग कम ही सफर कर पाते हैं पर इस रेस्टोरेंट के साथ ऐसा नहीं है। राजस्थान की सबसे नामी ट्रेन, पैलेस ऑन व्हील्स है जो दिल्ली से चलकर यात्रियों को राजस्थान के अलग-अलग किले और महलों वाले स्थान की सैर कराती है। इस ट्रेन में 39 डिलक्स केबिन और 2 सुपर डिलक्स केबिन हैं। इन डिलक्स केबिन में 82 यात्रियों को जगह दी जाती है। हर केबिन का नामकरण राजस्थान के महल और किले पर रखा गया है।