रायपुर। भाजपा ने आज प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है. इसमें कहा है कि भारत में सभी के लिए कानून एक सामान है, इसके बाजवूद पुनिया द्वारा महामारी अधिनियम का उल्लंघन करने बाद भी उन पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई.

भाजपा चुनाव विधि प्रकोष्ठ के संयोजक नरेश गुप्ता ने कहा कि पीएल पुनिया 9 अक्टूबर को रायपुर पहुंचे थे. स्वास्थ्य ठीक न होने पर उन्होंने अपना कोविड टेस्ट कराया था. और जांच रिपोर्ट आने के पूर्व कांग्रेस के कार्यक्रमों में शामिल हुए. मंच पर उपस्थित थे, जहां शहर की जनता व छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ मंत्री उपस्थित थे. इस संदर्भ  में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तथा छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के द्वारा गाइडलाइन जारी किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति कोविड -19 का जांच कराया है, उसको परिणाम आने तक अपने आप को आइसोलेट किया जाना चाहिए. लेकिन पुनिया ने उन सारे नियमों को ताक पर रखकर सार्वजिनक कार्यक्रमों में शामिल हुए. छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष के निवास स्थान पर गए. वहां छत्तीसगढ़ सरकार के अन्य मंत्री के साथ उन्होंने दोपहर का भोजन किया था.

जैसे कि अधिनियम की धारा 2 (बी) के अनुसार यात्रा से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का निरीक्षण राज्य के स्वास्थ्य कर्मचारी या अधिकारी के द्वारा किया जा सकता है और उन्हें संदेह या विश्वास है कि यात्री महामारी रोग से संक्रमित है या पीड़ित है तो उसे अस्पताल या अस्थायी आवास में ले जा सकता है, लेकिन पीएल पुनिया को ऐसा नहीं किया गया. केंद्र सरकार व राज्य सरकार के द्वारा महामारी अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही की जानी थी. 10 अक्टूबर को पुनिया को जानकारी होने के बाद भी वे कोविड 19 से संक्रमित हो चुके हैं, स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन उनके द्वारा किया गया. उनका यह कृत्य अन्य लोगों के जीवन पर खतरा या संकट पैदा वाला है,

10 अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी कोविड 19 के मरीजों की सूची में पीएल पुनिया का नाम क्रमांक 208 है तथा मोबाइल नंबर व पता में राजीव भवन रायपुर का उल्लेख है.

पीएल पुनिया कानून के जानकार है, प्रशासनिक सेवा में रह चुके हैं, राज्य सभा के सांसद है. साथ ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी है. ऐसी स्थिति में उनकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वे लोगों के सुरक्षा व जान की हिफाजत करें.पुनिया ने स्वयं के जीवन और दूसरे के जीवन को संकट में डालकर एयरपोर्ट के कर्मचारी (रायपुर-दिल्ली) वाहन चालक सुरक्षा कर्मी, छत्तीसगढ़ के मंत्री तथा आम जनता के साथ खिलवाड़ किया है.

पुनिया का कोविड 19 के जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सोशल मीडिया में खबरें आई कि वे महामारी से पीड़ित है, तब उन्हें रायपुर के विमान स्थल से विमान से दिल्ली नहीं जाना था. राज्य के स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा उन्हें अस्पताल में भर्ती करना या होम आइसोलेशन किया जाना चाहिए था. पुनिया के द्वारा किया गया कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है. महामारी अधिनियम की धारा 3 के प्रावधानों के अनुसार गाइडलाइन के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंत संहिता की धारा 188 में सजा का प्रावधान है. कलेक्टर से मांग की कि पुनिया के विरूद्ध महामारी अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 269,270, व 188के अंतगर्त एफआईआर दर्ज किया जाए.