रायपुर. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की पत्रकार वार्ता पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पलटवार किया है. मरकाम ने कहा कि डॉ रमन सिंह को यह स्वीकार करना चाहिए था कि मजदूरों की यह सारी समस्याएं केंद्र सरकार द्वारा पहले ट्रेन बस बंद करने और बाद में लॉक डाउन करने के कारण उत्पन्न हुई है. पहले देश की जीवन रेखा रेल सेवा को बंद किया गया और उसके बाद लॉकडाउन किया गया.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मजदूरों की समस्याओं को लेकर डॉ रमन सिंह का चिंतित तो है लेकिन चिंतित होना पर्याप्त नहीं है. डॉ रमन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है. अब समय आ गया है कि डॉ रमन सिंह को भाजपा की केंद्र सरकार से इस बात की मांग करना चाहिए कि छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों को वापस राज्य तक लाने की व्यवस्था केंद्र सरकार तत्काल करें.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि चूंकि प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का काम अनेक राज्यों से जुड़ी समस्या है इसलिए केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों की सरकारों से समन्वय स्थापित कर तत्काल कार्ययोजना बनाना आवश्यक है. प्रवासी मजदूरों को छत्तीसगढ़ वापस लाने के लिये सारी एहतियात बरतते हुए चिकित्सकों की देखरेख में विशेष श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जाना चाहिए. बस्तर के जगदलपुर और दंतेवाड़ा छोड़कर बड़े इलाके में रेल सेवा नहीं हैं, वहां संबंधित राज्यों में गये छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों को विशेष बसों से भेजने की व्यवस्था की जाए.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आज छत्तीसगढ़ में शेष भारत से अगर बेहतर स्थिति है और इसके कारण पूरे देश से हजारों लाखों लोग वापस छत्तीसगढ़ आना चाहते हैं तो इसके पीछे छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा सही समय पर उठाए गए सही फैसले हैं.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार हमेशा प्रदेश के गरीबों और खासकर बस्तर के लोगों के प्रति संवेदनशील है और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा.