रायपुर। पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कोरोना संक्रमण के रोकथाम को लेकर सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के तीसरे चरण में हम पहुंच रहे हैं इसके बावजूद प्रदेश के जिलों में कोरोना संक्रमण की जांच वह इलाज की व्यवस्था ना हो पाना सरकार की गंभीर लापरवाही को साबित कर रहा है। कोरोना के इस भयानक संक्रमण काल मे पीड़ित हर मरीज को इलाज के लिए रायपुर लेकर आना भी वायरस के फैलाव को बढ़ावा देने की तरह ही है।

बृजमोहन ने सरकार से पूछा कि सूरजपुर के जजावल और केकता राहत कैम्प में ठहरे बाहरी प्रदेश के मजदूर जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए है उनका सरगुजा मेडिकल कॉलेज या फिर बिलासपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज क्यों नही किया जा रहा है? मतलब साफ है कि सरकार ये संस्थान कोरोना इलाज के लिये तैयार नहीं है। सरकार को चाहिए कि प्रदेश के सातों मेडिकल कॉलेज व समस्त जिला अस्पतालों को इस हेतु पूर्णतः तैयार रखा जाए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज रायपुर में ही लाकर करना है तो फिर हर जिला अस्पताल में इलाज की सुविधा का ढिंढोरा पीटने की क्या जरूरत है? इस बात से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सिर्फ कागजों में ही सरकार की कार्ययोजना है।राज्य सरकार कथनी और करनी में अंतर दिखा रहा है।आधी-अधूरी तैयारियों के साथ कोरोना से लड़ाई लड़ी जा रही है।

बृजमोहन ने कहा कि सूरजपुर राहत कैंप में ठहरा जो मजदूर कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, वह महाराष्ट्र से लौटकर 14 दिन राजनांदगांव जिले के राहत कैम्प में ठहर चुका है। बावजूद वह अपने मुकाम झारखंड नही पहुंचा और सूरजपुर ज़िले के राहत कैम्प पहुंचा दिया गया।जबकि उसे राजनांदगांव के बाद सीधे झारखंड सीमा तक पहुचाया जाना चाहिए था। यहा पर शासन-प्रशासन की घोर लापरवाही व बदइंतजामी साफ दिखाई पड़ रही है।

हर जिले में बने सर्वसुविधायुक्त क्वॉरेंटाइन सेंटर

बृजमोहनअग्रवाल ने कहा कि सरकार हर जिले में सर्वसुविधायुक्त क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाये, जहा पर कोरोना के संदेही मरीजों को रखा जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि कोटा राजस्थान से लौटे विद्यार्थियों को भी उनके गृह जिले के कोरेनटाईन सेंटर में रखा जाना चाहिए।