रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कोरोना संक्रमितों व कोरोना की वजह से हुई मौतों की संख्या को लेकर अब तक राज्य सरकार द्वारा स्थिति स्पष्ट नहीं होने पर निशाना साधा है. मूणत ने कहा कि दो महीने से प्रदेश सरकार कोरोना से हुई मौतों का डेथ ऑडिट तक नहीं करा सकी है. घर-घर जाकर कोरोना मृतकों का आँकड़ा जुटाने की डींगें हांकने वाले प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को भी प्रदेश सरकार की इस विफलता की कोई सुध नहीं है.

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने कहा कि पूरी प्रदेश सरकार सत्ता-पिपासा के राजनीतिक ड्रामे में मशगूल है, और इस बेहद संवेदनशील व जन-स्वास्थ्य व जनहित से जुड़े मसले पर दो माह बीतने के बाद कोई परिणामकारी कार्य नहीं हो पाना प्रदेश सरकार के नाकारापन का एक और शर्मनाक उदाहरण है.

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमितों और उससे हुई मौतों के ज़िला और राज्यस्तर पर सामने आए अंतर को लेकर भाजपा ने प्रदेश सरकार ने सवाल उठाए थे, और कहा था कि प्रदेश सरकार आँकड़े छिपाकर प्रदेश को ग़ुमराह कर रही है. इसके चलते कोरोना संक्रमितों और उससे मृत लोगों की संख्या में सामने आए अंतर का डेथ ऑडिट करा रही प्रदेश सरकार अब तक यह काम भी पूरी तरह नहीं करा सकी है.

मूणत ने कहा कि डेथ ऑडिट में कोरोना मृतकों की संख्या में क़रीब एक हज़ार का अंतर सामने आना तय है, वहीं कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ेतरी होगी. इसके बावज़ूद प्रदेश सरकार की इस काम में लापरवाही का यह साफ संकेत है कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण से बर्बाद हुए परिवारों को कोरोना संबंधी सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रखने की कृतघ्नता करने पर उतारू है.

उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार जब से अस्तित्व में आई है तब से ही मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ छत्तीसगढ़ जनता तक न पहुंचे उस प्रयास में रहती है लेकिन क़ोरोना से जिन बच्चों को अनाथ होना पड़ा उन्हें राज्य सरकार द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना नही लिखे होने के कारण प्रधानमंत्री राहत फण्ड से मिलने लाभ से वंचित होना पड़ेगा. राज्य सरकार की ऐसी मनसा से प्रदेश की जनता का बहुत नुकसान हो रहा है.