सत्यपाल राजपूत, रायपुर। आईएमए की टीम ने एक बार फिर प्रदेश में एमबीबीएस काउंसिलिंग की मांग की है. टीम ने हाईकोर्ट के निर्णय का हवाला दिया है. नीट पास बच्चों के पालकों के साथ टीम ने आज मेडिकल शिक्षा संचालक (डीएमई) से मांगों को लेकर मुलाकात की. इस दौरान कहा कि हाईकोर्ट का सीधा एवं स्पष्ट आदेश है कि पुनः काउंसिलिंग कराया जाए. इस पर डीएमई ने कहा कि आदेश का कई तरह से व्याख्या हो रहा है. मामले में महाधिवक्ता के रायशुमारी के बाद आगे फैसला लेंगे.

डॉ महेश सिन्हा ने कहा कि हाईकोर्ट आदेश के अनुसार फिर से एमबीबीएस का काउंसिलिंग करना होगा. उसी मांग को लेकर आज मेडिकल शिक्षा संचालक से चर्चा हुई है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक वहीं राज्य का मूल निवास माना जाएगा. जो आवेदन करते समय अपलोड किया गया है.

वहीं मेडिकल विद्यार्थी संरक्षक डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि कोर्ट का आदेश साफ एवं स्पष्ट है. इसे स्पष्ट आदेश और नहीं हो सकता है, आदेशानुसार आज पुन काउंसिलिंग के लिए चर्चा हुई है. उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश अंतरिम आदेश में स्पष्ट रूप से अंतिम पैराग्राफ में लिखा है कि नीट के एडमिशन फॉर्म में भरी गई. मूल राज्य की जानकारी को ही नीट मेरिट लिस्ट के चयनित विद्यार्थी के राज्य का चयन आधार माना जाए और फिर से मेरिट लिस्ट बनाकर नीट की भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए.

इस संबंध में संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आरके सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को बताया है कि वह शासकीय वकील से दिशा निर्देश बिंदु पर स्पष्टीकरण चाहते हैं, ताकि आगे की प्रक्रिया शासकीय वकील के दिशा-निर्देश निष्कर्षों के आधार पर की जा सके. इस संबंध में वह तुरंत एडमिशन प्रक्रिया को हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के तहत आगे बढ़ाएंगे. साथ ही कहा कि पुन काउंसिलिंग होने से जो दंतेवाड़ा के छुटे नीट पास बच्चे है, उन्हें भी मौका मिल जाएगा.

मेडिकल शिक्षा संचालक आरके सिंह ने कहा कि आईएमए के लोग आए थे, उनसे हाईकोर्ट के आदेश पर चर्चा हुई. आदेश को कई तरह से व्याख्या किया जा रहा है, इसलिए पहले महाअधिवक्ता से रायशुमारी किया जाएगा, उसके बाद आगे क्या करना है इसका फैसला लिया जाएगा.

बता दें कि बाहरी राज्यों के छात्रों ने फर्जी मूल निवास पत्र बनाकर दूसरे राज्य के छात्रों ने राज्य कोटे की सीट पर कब्जा कर लिया है जिससे स्थानियों को मौका नहीं मिला. इसे नाराज नीट पास बच्चों के पालकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है. उसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.