लखनऊ. रविवार को सर्किट हाउस में बातचीत के दौरान महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की कैबिनेट मंत्री व उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्या ने कही. उन्होंने कहा कि बेटियों को कोख में मारने की प्रथा लगभग खत्म हो चुकी है. कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सरकार की ओर से हर प्रभावी कदम उठाया जा रहा है. कन्या के जन्म लेते ही घर में लक्ष्मी आनी शुरू हो जाती है. बहुत जल्द ही सरकार की ओर से कन्या सुमंगला योजना के विस्तार की सौगात बेटियों को मिलेगी. इस योजना के तहत अगले साल से बेटियों को 15000 की जगह पर 25000 रुपये की धनराशि दी जाएगी.

‘बदलनी होगी सोच’

बेबीरानी मौर्या ने कहा कि बेटियां बोझ न बन सकें इसके लिए सरकार की ओर से बेटियों के जन्म से लेकर शिक्षा व रोजगार तक की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश व केंद्र सरकार ले रही है. उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए बेटियो के शिक्षा व परवरिश पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अगर मुझे गर्भ में मार दिया जाता तो मैं राज्यपाल कैसे बन पाती. बेटी बेटों में भेद को खत्म कर समाज की सोच बदलनी होगी.

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बेबीरानी मौर्या ने कहा कि बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ योजना के तहत घर की शान बेटियों के नाम से नेम प्लेट लगाया जाएगा. भाजपा ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जो महिलाओं का हित सोचती है. 33 फीसद सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करना, तीन तलाक जैसी कुरीतियों को खत्म करना, शिक्षा, रोजगार व नौकरी में महिलाओं को प्राथमिकता देने का कार्य भाजपा शासनकाल में ही संभव हो सका है.