Bihar Politics: लालू यादव के छोटे साले सुभाष यादव ने कल गुरुवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए राजद सुप्रीमो पर अपहरण गिरोह से संबंध रखने और किडनैपिंग की डील करने समेत कई अन्य गंभीर आरोप लगाए थे. वहीं, अब इस मामले पर सुभाष यादव के भाई साधु यादव का बयान सामने आया है और उन्होंने अपने भाई सुभाष यादव के ठिक उलट बयान दिया है.
’35 साल बाद खुली उनकी आंख ?’
साधु यादव ने सुभाष यादव द्वारा लगाए गए आरोप को निराधार, बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि, उससे (सुभाष यादव) पूछना चाहिए कि तुम वहां क्या करते थे? 20 वर्ष नीतीश कुमार के शासन को हो गए और 15 वर्ष आरजेडी का शासन था तो 35 वर्षों के बाद उनकी आंख खुली? ऐसा लगता है कि वह किसी राजनीतिक पार्टी से कुछ पाने या कोई पद हासिल करने के लिए ऐसी बातें कह रहे हैं.
साधु यादव ने कहा कि, मैंने लालू यादव को पहले ही कहा था कि इसको (सुभाष) तवज्जो मत दीजिए. लोग अक्सर मुझे उसके जैसा ही समझ लेते थे. साधु-सुभाष एक पर्यायवाची शब्द बन गए थे. वह सभी हरकतों में लिप्त रहता था और मुझे बिना किसी कारण साझीदार समझा जाता था.
सुभाष यादव ने लगाए थे गंभीर आरोप
सुभाष यादव ने कहा था कि, लालू राज में सीएम हाउस से ही किडनैपिंग का डीलिंग किया जाता था. उस समय में जो भी अपहरण होते थे. मुख्यमंत्री आवास से ही डीलिंग किए जाते थे. बिहार में कहीं भी अपहरण होता था, तो सब कुछ मुख्यमंत्री आवास के लोगों को पता होता था.
सुभाष यादव ने यह भी आरोप लगाया था कि, “वास्तव में मैं ही था, जिसने अपने जीजा (लालू यादव) को इस तरह से काम करने से रोकने की कोशिश की थी, लेकिन उन दिनों वह सत्ता के नशे में चूर थे और किसी की नहीं सुनते थे. आरजेडी कई बार टूट चुका होती, अगर दलबदल विरोधी कानून नहीं होता जिसे दिवंगत प्रधानमंत्री अटल ने और सख्त बना दिया था. सुभाष यादव ने अपने भांजे तेजस्वी यादव को ‘बरसाती मेंढक’ बताते हुए इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के जीतने का दावा किया.
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