लखनऊ. रामायण व महाभारत को एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के प्रस्ताव पर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हम सभी धर्मों और धार्मिक लोगों का सम्मान करते हैं. स्कूलों के पाठ्यक्रम में रामायण-महाभारत के साथ ही बाइबिल और कुरान भी शामिल की जानी चाहिए.

मौलाना ने कहा कि हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है. यहां किसी एक धर्म को बढ़ावा देने की जगह सभी को बराबर का स्थान मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक वैकल्पिक विषय होना चाहिए जिसमें विद्यार्थी जो पढ़ना चाहें उसे पढ़ सकें. पाठ्यक्रम में सिर्फ एक मजहबी किताब नहीं बल्कि सभी धार्मिक ग्रंथ शामिल किए जाने चाहिए.

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बता दें कि बीते दिनों एनसीईआरटी के एक उच्च स्तरीय पैनल ने सिफारिश की थी कि रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों और कक्षा की दीवारों पर लिखी गई संविधान की प्रस्तावना में शामिल किया जाना चाहिए. हालांकि, अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.