नई दिल्ली। 4 साल पहले इराक के मोसुल में लापता 39 भारतीयों को लेकर आज राज्यसभा में केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मोसुल में लापता हुए सभी 39 भारतीय मारे गए हैं. सुषमा स्वराज ने जानकारी दी कि सभी भारतीयों को ISIS ने मारा था, जिनके बाद शवों को बगदाद भेज दिया गया था. उन्होंने कहा कि भारतीय सरकार ने DNA सैंपल के जरिए सभी शवों की जांच करवाई, जिससे खबर की पुष्टि हुई.

हरजीत मसीह की कहानी झूठी- सुषमा स्वराज

सुषमा स्वराज ने कहा कि हरजीत मसीह की कहानी सच्ची नहीं थी. उन्होंने कहा कि 39 शवों में से 38 के डीएनए सैंपल मैच कर गए हैं और 39वें की जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि हमने पहाड़ की खुदाई करने के बाद शवों को निकाला था, जनरल वीके सिंह वहां पर गए और सबूतों को खोजने में मेहनत की. उन्होंने बताया कि सबसे पहले संदीप नाम के शख्स का डीएनए मैच किया गया था.

सभी शवों को लाया जाएगा भारत- सुषमा स्वराज

सुषमा स्वराज ने बताया कि वीके सिंह इराक जाएंगे और सभी शवों को लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सबसे पहले जहाज अमृतसर जाएगा और उसके बाद पटना, पश्चिम बंगाल जाएगा. सुषमा ने राज्यसभा में बताया कि डीप पेनिट्रेशन रडार के जरिए बॉडी को देखा गया था, उसके बाद सभी शवों को बाहर निकाला गया. जिसमें कई चिन्ह मिले थे और डीएनए की जांच के बाद पुष्टि हुई है. विदेश मंत्री ने बताया कि 3 सालों तक ये तलाश चलती रही.

हरजीत मसीह की थ्योरी

मोसुल पर ISIS के कब्जे के बाद जून 2014 में 39 भारतीय मजदूरों को बंधक बनाने की खबर आई थी. इस बीच हरजीत सिंह ISIS के चंगुल से निकलने में सफल रहा था. भारत आकर हरजीत मसीह ने दावा किया था कि सभी 39 भारतीय मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है.

जिन 39 भारतीयों को आईएसआईएस के आतंकियों ने जून 2014 में अपहृत किया था. उनमें 22 लोग पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर, होश‍ियारपुर, कपूरथला और जालंधर से थे. पिछले साल केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह इन 39 भारतीयों की तलाश में मोसुल गए थे.