सुधीर सिंह राजपूत, मिर्जापुर. पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है. कठिनई गांव में प्राचीन मंदिर से चोरी गई 30 करोड़ की मूर्तियां बरामद कर ली गई है. साथ ही मंदिर के बाबा सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. चौंकाने वाली बात ये है कि चोरी के इस मामले में समाजवादी पार्टी युवजन सभा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व जिला पंचायत सदस्य राम बहादुर पाल को भी गिरफ्तार किया गया है. आरोपी सपा नेता ने मंदिर के महंत बंसीदास उर्फ बन्सीबाबा के साथ मिलकर श्रीराम जानकी मंदिर में सैकड़ों वर्ष से स्थापित अष्टधातु की मूर्ति की चोरी की थी.
मिर्जापुर जिले के पंडरी थाना क्षेत्र में सैकड़ों वर्ष पुराने भगवान श्री राम, लक्ष्मण और मां जानकी की मूर्ति मंदिर में स्थापित थी. बीते 14 जनवरी 2025 को अष्टधातु की लगी तीनों मूर्ति मंदिर से गायब हुई थीं. मामले में FIR दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस ने चोरी की घटना का खुलासा किया. शनिवार को को दोपहर में पुलिस लाइन स्थित सभागार में एएसपी ऑपरेशन ओपी सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का खुलासा किया है.
जिसने रपट लिखाई वही निकला चोर
दरअसल, 13-14 जनवरी की रात मंदिर से श्रीराम, लक्ष्मण और माता जानकी के अष्टधातु की अति प्राचीन मूर्ति चोरी हो गई. जिसकी जानकारी सुबह होते ही गांव में हड़कंप मच गया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके का मुआयना किया. इस संदर्भ में मंदिर के पुजारी बंशीधर गुरु महामंडलेश्वर जय रामदास महाराज ने थाने में तहरीर दी. प्राचीन मंदिर में हुई करोड़ों की अष्टधातु की मूर्ति चोरी की घटना को गंभीरता से लेते हुए जनपद के नवागत पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा ने घटना के खुलासा एवं चोरी की गई मूर्तियों के बरामदगी के लिए टीम गठन के निर्देश दिए. जिस पर जांच शुरु हुई. इसी दौरान मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ने पड़री थाना क्षेत्र अंतर्गत हाईमाई मंदिर के पास से बोलेरो सवार चार लोगों को संदिग्ध परिस्थितियों में देख दबोच लिया. जिसमें सवार लोगों की पहचान कराई गई तो मंदिर के पुजारी बंशीदास, जिन्होंने इस चोरी के प्रकरण की तहरीर दी थी, साथ ही लवकुश पाल, मुकेश कुमार सोनी और राम बहादुर पाल के रुप में पहचान हुई.
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आरोपियों के कब्जे से बोलेरो के अंदर से चोरी की गई मूर्ति, कपड़ा श्रृंगार सामाग्री सहित श्री राम, जानकी माता और लक्ष्मण की प्रतिमा बरामद हुई. इसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तकरीबन 30 करोड़ आंकी गई है. पुलिस टीम ने चोरी की इस घटना में प्रयुक्त बोलेरो वाहन को भी बरामद कर लिया है.
पूछताछ में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
पुलिस की पूछताछ में बाबा बंशीदास ने बताया कि वह लगभग 3 साल से कठिनई मंदिर की देखरेख कर रहा था. मंदिर के स्वामित्व को लेकर उसके गुरु महाराज जयरामदास और सतुआ बाबा के बीच विवाद चल रहा है. जब इस विवाद की उसे जानकारी हुई तो वह जयरामदास की मदद में आ गया और जयरामदास ने ही उससे वादा किया था कि सतुआ बाबा से विवाद खत्म होने पर सारी संपत्ति का स्वामी उसे वह बना देंगे. लेकिन डोम पहले बंशीधर को यह जानकारी हुई कि जयरामदास ये गाड़ी उसे न देकर अपने भतीजे को देना चाहते हैं. तभी उसने प्लान बना लिया कि मंदिर की अष्टधातु की बेश कीमती मूर्ति को चोरी कर बेचकर वह कहीं दूर जाकर अपना एक अलग मठ बना लेगा.
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बाबा बंशीधर उर्फ बृजमोहन दास को महाकुंभ मेला 2025 के तहत सुरक्षा की दृष्टि से गनर दिए गए हैं. आश्चर्य की बात है कि बाबा ने करोड़ों की मूर्ति चोरी को अंजाम देने के लिए गनर को इधर-उधर कर चोरी की इस वारदात को अंजाम दे डाला.
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