रायपुर। स्टील कंपनी द्वारा सात से दस फर्जी फर्म बनाकर फर्जी बिल्स के जीएसटी का बड़ा घोटाला करने का मामला सामने आया है. मामले में कार्रवाई करते हुए केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय रायपुर जोनल यूनिट ने मेसर्स दधीची आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड, रायपुर के डायरेक्टर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उक्त आरोपी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
जानकारी के अनुसार, डीजीजीआई आरजेडयू के अतिरिक्त महानिदेशक अजय कुमार पाण्डेय के निर्देश पर संयुक्त निदेशक नेम सिंह के कुशल नेतृत्व में 100 से अधिक अधिकारियों ने मेसर्स दधीची आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड रायपुर से सम्बंधित पांच प्रदेशों (छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा एवं मध्य प्रदेश) में लगभग 20 अलग-अलग ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की.
दो दिनों तक गहन विवेचना कर तथा तथ्यों का सामना करा मेसर्स दधीची आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड रायपुर के निदेशक, प्रकाश बिहारी लाल दधीची से पूछताछ में घोटाले का खुलासा हुआ. कार्रवाई के दौरान करीब 89.50 लाख की नकदी भी जब्त की गई, जिसके बारे में प्रकाश बिहारी लाल दधीची ने फर्जी खरीदी एवं बिक्री से संबंधित बताया.
अधिकारियों की मानें तो जीएसटी अपवंचन का यह मामला मध्य भारत का अब तक का सबसे बड़ा मामला है, जिसमें लगभग 400 करोड़ रुपए से भी अधिक के फर्जी बिल्स को जारी कर 60 करोड़ रुपए से अधिक के राजस्व का गबन किया गया है. फर्म ने कई फर्जी कंपनियों से माल की खरीदी दिखते हुए अपने जीएसटी रिटर्न्स में दशार्या है, जो अस्तित्वहीन ही नहीं थे.
मामला दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां उक्त आरोपी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया. इसके साथ कंपनी के और भी दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है. इस कार्रवाई के बाद आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों के कई लोहे के कारोबारियों के खिलाफ छापामार कार्रवाई की जाएगी.
इस प्रकरण पर सहायक निदेशक सेंट्रल जीएसजी शिवी सांगवान ने बताया कि प्रकरण में मेसर्स दधीची आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर को ज्यूडिशियल रिमांड पर लिया गया है. पूरा प्रकरण करीबन 400 करोड़ रुपए के फर्जी बिलिंग का है, जिसकी विस्तार से जांच की जा रही है.