बलौदाबाजार। आदिवासी छात्रावासों में वाटर जग की खरीदी में भ्रष्टाचार का आरोप कांग्रेस ने लगाया है। वहीं आदिवासी विकास विभाग ने इस आरोप का खंडन जारी किया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई “₹32,000 में एक स्टील जग की खरीदी” संबंधी पोस्ट को विभाग ने भ्रामक और झूठा बताया और 7 मुख्य बिंदुओं जानकारी देते हुए इस मामले पर स्थिति स्पष्ट की है।

1. कोई खरीदी नहीं हुई – प्रस्ताव रद्द

  • विभाग ने बताया कि बलौदाबाजार जिले के आदिवासी विकास विभाग द्वारा छात्रावासों के लिए वाटर जग खरीदी का एक प्रस्ताव 23 फरवरी 2025 को जेम पोर्टल पर डाला गया था, लेकिन उसी दिन दर अधिक होने के कारण इसे निरस्त कर दिया गया।
  • यह प्रस्ताव पूर्व सहायक आयुक्त संजय कुर्रे द्वारा तैयार किया गया था।

2. कोई भुगतान या आपूर्ति नहीं हुई

  • ₹32,499.50 प्रति वाटर जग की दर से 160 नग की संभावित राशि ₹51 लाख थी, लेकिन न तो विभाग ने कोई भुगतान किया, न ही कोई सामग्री प्राप्त की गई।

3. यह केवल प्रारंभिक तकनीकी प्रक्रिया थी

  • जेम पोर्टल पर उत्पाद चयन खरीदी की शुरुआत का हिस्सा मात्र होता है। इसके बाद कई चरणों में मूल्यांकन, गुणवत्ता परीक्षण, तकनीकी अनुमोदन और वित्तीय स्वीकृति होती है।
  • इस पूरी बहुस्तरीय प्रक्रिया में प्रस्ताव प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज कर दिया गया।

4. सभी खरीदी प्रक्रिया जेम और भंडार क्रय नियमों के अनुसार होती है

  • छत्तीसगढ़ शासन के नियमों के अनुसार, हर खरीदी में पारदर्शिता और प्रक्रिया का पालन अनिवार्य होता है।
  • किसी भी प्रस्ताव को बिना उचित औचित्य और अनुमोदन के आगे नहीं बढ़ाया जाता।

5. आदिवासी छात्रों के हित सुरक्षित हैं

  • विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि छात्रों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं में अत्यधिक सतर्कता और पारदर्शिता बरती जाती है।
  • बिना पूर्ण प्रक्रिया और औचित्य के कोई खरीदी स्वीकृत नहीं होती।

6. भ्रामक पोस्ट जनता को गुमराह करने का प्रयास है

  • विभाग ने कांग्रेस द्वारा किए गए सोशल मीडिया पोस्ट को “भ्रामक और असत्य” बताया और कहा कि यह राजनीतिक लाभ के लिए जनता की भावनाओं से खिलवाड़ है, जो अत्यंत निंदनीय है।

7. प्रशासन पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है

  • शासन की सभी खरीदी जेम पोर्टल जैसे पारदर्शी प्लेटफॉर्म के माध्यम से की जाती है, जो सार्वजनिक रूप से सत्यापन योग्य होती हैं।
  • इस मामले में भी पूरी पारदर्शिता बरती गई और प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया।

कांग्रेस की सोशल मीडिया पोस्ट के बाद मामले ने पकड़ा तूल

दरअसल, छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “यह वर्ल्ड कप नहीं, विष्णुदेव का ‘स्टील जग’ है। एक स्टील के जग की कीमत 32,000 रुपये और 160 नग की खरीदी 51,00,000 रुपये है। बेशर्मों ने आदिवासी बच्चों के पैसे को भी नहीं छोड़ा।”

इस मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि अच्छा है, छात्रावास आदिवासियों का है, मुख्यमंत्री भी आदिवासी हैं। अब सरकार का तो भगवान ही मालिक है। 32 हजार रुपये में एक जग खरीदा जा रहा है क्या यह कोई जादुई जग है? सोने या तांबे का जग है ? इसलिए हम कह रहे हैं कि इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। जिम्मेदार कौन है? पूरे प्रदेश के आदिवासी छात्रावासों की जांच होनी चाहिए।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H