ब्रिटेन की लेबर पार्टी द्वारा प्रस्तावित ‘अति-धनवानों पर अतिरिक्त टैक्स’ ने देश के बड़े उद्योगपतियों में बेचैनी बढ़ा दी है. इसी माहौल के बीच भारतीय मूल के स्टील उद्योगपति लक्ष्मी एन मित्तल का ब्रिटेन छोड़ने का फैसला ले लिया है. ‘द संडे टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, मित्तल नए टैक्स नियमों के डर से इस बड़े कदम पर विचार कर रहे हैं, जबकि वे कई सालों से ब्रिटेन के सबसे धनी लोगों की सूची में शामिल रहे हैं.

दुबई बना नया ठिकाना, पहले से मौजूद है आलीशान हवेली

रिपोर्ट के मुताबिक, मित्तल अब दुबई शिफ्ट होने की योजना बना रहे हैं, जहां उनके पास पहले से ही एक भव्य हवेली मौजूद है. यही नहीं, उन्होंने यूएई के नाइया द्वीप पर भी एक बड़े विकास प्रोजेक्ट में जमीन के विशाल हिस्से खरीद लिए हैं. अनुमान है कि संभावित ‘वेल्थ टैक्स’ से बचने के लिए अरबपति वर्ग में दुबई एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में तेजी से उभर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार ‘आर्सेलरमित्तल स्टीलवर्क्स’ के संस्थापक लक्ष्मी एन मित्तल की 2025 में अनुमानित संपत्ति 15.4 अरब पाउंड है और वह ब्रिटेन के आठवें सबसे अमीर आदमी हैं.

15.4 अरब पाउंड की संपत्ति, बजट से पहले बढ़ी हलचल

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चांसलर राहेल रीव्स द्वारा पेश किए जाने वाले बहुप्रतीक्षित बजट से पहले वे ब्रिटेन छोड़ने वाले नए हाई-प्रोफाइल अरबपतियों में शामिल हो गए हैं. माना जा रहा है कि बजट में अति-धनवानों पर कर का बोझ और बढ़ सकता है. ‘द संडे टाइम्स’ ने लक्ष्मी एन मित्तल के करीबी सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया कि चांसलर राहेल रीव्स की ओर से बुधवार (26 नवंबर, 2025) को पेश किए जाने वाले बहुप्रतीक्षित बजट से पहले वह ब्रिटेन छोड़ने वाले नवीनतम अरबपति बन गए हैं.

राजस्थान में हुआ था जन्म

रिपोर्ट के अनुसार चांसलर राहेल रीव्स की ओर से पेश किए जाने वाले इस प्रस्ताव में अमीरों पर 20 प्रतिशत तक टैक्स बढ़ाया जा सकता है. अखबार ने दावा किया कि लक्ष्मी एन मित्तल के पास पहले से ही दुबई में एक हवेली है और उन्होंने अब संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में पास के नाइया द्वीप पर एक आकर्षक विकास परियोजना में जमीन के बड़े हिस्से खरीद लिए हैं. लक्ष्मी एन मित्तल का जन्म राजस्थान में हुआ था, लेकिन 1995 में उनका परिवार लंदन शिफ्ट हो गया. उनके यहां केनसिंगटन पैलेस गार्डन में कई आलीशान घर हैं, जिनमें संगमरमर से बना ‘ताज मित्तल’ भी शामिल है.

उद्योगपतियों के लिए बड़ी चिंता का विषय

लक्ष्मी एन मित्तल से पहले टेक एंतरप्रेन्योर हरमन नरूला और रिवॉल्ट के को-फाउंडर निक स्तोरोंस्की भी टैक्स से बचने के लिए यूएई शिफ्ट हो गए हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लेबर सरकार का यह फैसला यूके में उद्योगपतियों के इन्वेस्टमेंट को भी प्रभावति कर सकता है. उनका कहना है कि यह उद्योगपतियों के लिए बड़ी चिंता का विषय है, जिन्होंने कड़ी मेहनत करके यहां संपत्तियां बनाई हैं. लक्ष्मी एन मित्तल की आर्सेलरमित्तल में 38 प्रतिशत की हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत 23.35 बिलियन पाउंड है और वह लंबे समय से लेबर पार्टी के प्रमुख डॉनर भी हैं.

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