बिलासपुर. रतनपुर को इतिहासकार तालाबों की नगरी के रूप में वर्णित करते हैं. लेकिन रतनपुर में ही अब तालाबों का अस्तित्व खतरे में दिख रहा है. यहां के एक प्राचीन तालाब कल्पेसरा का पानी प्रदूषित हो जाने के कारण इसके अंदर की मछलियां मरने लगी हैं. वहीं मरी मछलियों की दुर्गंध से वातावरण भी प्रदूषित होने लगा है.

पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिध्द रतनपुर के माँ महामाया देवी मंदिर में आने वाले श्रद्धालु कल्पेसरा तालाब की बदबू से परेशान हैं और नाक मुंह बंदकर मंदिर में पहुंच रहे हैं. लेकिन इसके बाद भी रतनपुर नगर पालिका का तालाबों को स्वच्छ बनाए रखने की ओर कोई ध्यान नहीं है.

तालाबों की दुर्दशा पर मौन हैं जिम्मेदार

सूत्रों की मानें तो अब महामाया मंदिर ट्रस्ट यहां के तालाबों को ठेके पर देकर इसकी देखरेख करने का विचार कर रहा है. इस संबंध में पहले लिखित प्रस्ताव भी किया गया था. लेकिन रतनपुर नगर पालिका ने इन प्रस्तावो में कोइ रूचि नहीं ली. इसके चलते अब रतनपुर में तालाबों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. इसके बाद भी नगर पालिका तालाबों की इस स्थिति पर मौन है.
अब या तो उन्हें तालाबों की ये दुर्दशा दिखाई नहीं पड़ रही है या फिर वे देखना नहीं चाह रहे हैं. बहरहाल देखना ये होगा कि सोए हुए नगर पालिका की नींद कब खुलती है और तालाबों की ये स्थिति कब तक सुधरती है.

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