कुंदन कुमार, पटना। जहानाबाद से निलंबित एएसआई सरोज सिंह को एसटीएफ और पुलिस ने समस्तीपुर के सुल्तानपुर गांव से गिरफ्तार किया है. नौकरी में रहते हुए संगठित अपराध शुरू करने वाले निलंबित एएसआई सरोज सिंह के घर से एक-47 बरामद किया गया है, साथ ही करोड़ों की जमीन के कागजात भी मिले हैं. सरोज सिंह को लेकर समस्तीपुर से पटना तक छापेमारी की गई 3.51 करोड़ की जमीन के कागज 3.40 लाख रुपए नगद मिले हैं. एसआई के साथ पांच अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है.

एसटीएफ को लंबे समय थी तलाश

दरअसल एसटीएफ सरोज की पिछले कई दिनों से तलाश रही थी. इसी बीच एसटीएफ को गुरुवार की रात यह जानकारी मिली की सरोज और उसके गिरोह के लोग सुल्तानपुर गांव में जमा हुए हैं. उसके बाद एसटीएफ और समस्तीपुर थाने के पुलिस ने शुक्रवार की सुबह को फरार सरोज के घर घेराबंदी कर दी. खुद को घिरता देख सरोज ने पुलिस पर चार राउंड फायरिंग भी किया. हालांकि जब पुलिस ने मोर्चा संभाला तो फिर उसने सरेंडर कर दिया. एसटीएफ और समस्तीपुर पुलिस उसके गुनाहों की छानबीन कर रही है.

छुट्टी के बाद ड्यूटी पर नहीं लौटा

आपको बता दें कि सरोज सिंह की 2008 सिपाही परीक्षा में बहाली हुई थी. प्रमोशन के बाद एएसआई बना पोस्टिंग जहानाबाद ट्रैफिक पुलिस में हुई थी. इस दौरान वह 20 सितंबर 2024 को छुट्टी पर गया, लेकिन फिर ड्यूटी पर नहीं लौटा. जांच के बाद जहानाबाद एसपी ने उसे निलंबित कर दिया. सरोज के साथ पुलिस ने उसके चाचा परशुराम सिंह, चचेरे भाई विश्वजीत सिंह, निशांत कुमार और मुन्ना यादव को भी गिरफ्तार किया है. इनके पास से एक एके-47, एक इंसान राइफल, एक कारवां, 133 जिंदा कारतूस और अन्य हथियार बरामद किया है. एसटीएफ की टीम सरोज को अपने साथ पटना लेकर आई है और आगे की कार्रवाई चल रही है.

गिरोह बनाकर करता था संगठित अपराध

बिहार में पहली बार ऐसा हुआ है कि पुलिस विभाग में नौकरी करने वाले किसी एएसआई ने नौकरी में रहते हुए भी संगठित अपराध को शुरू कर दिया था. जांच के क्रम में यह पाया गया है कि सरोज जब नौकरी में था उसी समय से ही एक गिरोह बनाकर बिहार के कई जिलों में संगठित अपराध किया करता था. निलंबन के बाद पुलिस की नजर उस पर पड़ी और छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया गया.

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