लखनऊ। विधायक मुख्तार अंसारी के निशानेबाज बेटे अब्बास अंसारी ने एक शस्त्र लाइसेंस पर 4 राइफल खरीदने का मामला सामने आया है। जांच के साथ ही कई अन्य खुलासे भी हो रहे है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) अब्बास के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल करने के बाद से अब दिल्ली पुलिस, लखनऊ जिला प्रशासन, नेशनल राइफल एसोसिएशन व कस्टम की भूमिका की जांच भी कर रही है.

मऊ से बीएसपी विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास विदेश से प्रतिबंधित बोर के चार असलहे लाया था। इस मामले में सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ लखनऊ के तत्कालीन डीएम अनुराग यादव के बयान भी दर्ज कर चुकी है। हालांकि तत्कालीन डीएम ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाने का तर्क दिया है। एसटीएफ मामले में जल्द अनुपूरक चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी भी कर रही है.

अब्बास अंसारी ने उत्तर प्रदेश में बना अपना शस्त्र लाइेंसस वर्ष 2015 में बड़ी आसानी से दिल्ली के पते पर ट्रांसफर करा लिया था। अब्बास ने दिल्ली में एक कमरा किराये पर लिया था. और उस पते पर शस्त्र लाइसेंस ट्रांसफर करा लिया। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस से वैरीफिकेशन रिपोर्ट तो मांगी थी, लेकिन वह रिपोर्ट मिलने से पहले ही अब्बास अंसारी के शस्त्र लाइसेंस को दिल्ली के पते पर रजिस्टर्ड कर दिया गया था.

वास्तव में यूपी से कोई वैरीफिकेशन रिपोर्ट भेजी ही नहीं गई थी। ऐसे ही अब्बास विदेश से अपने पर्सनल बैगेज में विदेश से जो शस्त्र लाया था, उन्हें रिलीज करने में कस्टम अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है.

सूत्रों का कहना है कि अब्बास स्लोवेनिया से जो असलहे लाया था, उनमें 9.52 एमएम बोर की राइफल, 11.63 एमएम बोर की राइफल व 10.16 बोर की पिस्टल प्रतिबंधित थी। इन असलहों को नियम के विरुद्ध लाया गया था। इसके अलावा अब्बास ने विदेश से लाई गई 30.06 बोर की एक राइफल दिल्ली स्थित शस्त्र की दुकान में जमा करा दी थी। इस रायफल को एसटीएफ ने अपनी कस्टडी में ले लिया है.