Stock Market Crash : हफ्ते के पहले ही कारोबारी दिन यानी सोमवार को शेयर बाजार ने निवेशकों को चौंका दिया. सेंसेक्स 246.58 अंक गिरकर 82,253.89 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 56.90 अंकों की गिरावट के साथ 25 हजार 92 अंकों पर बिजनेस कर रहा है. इस गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है, खासकर तब जब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FIIs) लगातार भारी मात्रा में शेयर्स बेच रहे हैं.

IT और फार्मा सेक्टर में सबसे ज्यादा दबाव
बाजार के भीतर नजर डालें तो IT, मीडिया और फार्मा सेक्टर पर सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिला है.
NSE के IT और FMCG शेयरों में 1% तक की गिरावट.
Bajaj Finance, Infosys और Tech Mahindra जैसे दिग्गज शेयर 1.5 प्रतिशत तक टूटे.
टाइटन, सनफार्मा और पावर ग्रिड जैसे कुछ चुनिंदा शेयरों में मामूली तेजी जरूर दिखी, लेकिन ट्रेंड कुल मिलाकर निगेटिव रहा.
सेंसेक्स-निफ्टी के आंकड़े क्या कहते हैं?
सेंसेक्स के 30 में से 18 शेयरों में गिरावट
निफ्टी के 50 में से 30 शेयर नीचे कारोबार कर रहे हैं
बैंकिंग और रियल्टी सेक्टर में कुछ तेजी दिखी, लेकिन यह गिरावट को रोक नहीं सकी
Stock Market Crash : ग्लोबल मार्केट का मिला-जुला असर
वैश्विक बाजारों से मिले मिश्रित संकेतों ने भी भारत के बाजारों की चाल बिगाड़ी.
जापान का निक्केई 0.25% की गिरावट के साथ 39,470 पर.
कोरिया का कोस्पी 0.094 प्रतिशत की मामूली बढ़त पर 3 हजार 179 पर.
हांगकांग का हैंगसेंग 0.043% ऊपर और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.43% की तेजी पर बंद.
वहीं, 11 जुलाई को अमेरिका का डाउ जोन्स 0.63%, NASDAQ 0.22%, और S&P 500 0.33% गिरावट के साथ बंद हुए. इसका असर भारतीय निवेशकों की मनोस्थिति पर भी पड़ा.
विदेशी निवेशकों ने ₹5,104 करोड़ के शेयर्स बेचे
11 जुलाई को FIIs ने कैश सेगमेंट में भारी बिकवाली करते हुए ₹5,104.22 करोड़ के शेयर्स बेच दिए. वहीं, घरेलू निवेशक यानी DIIs ने इस दिन ₹3,558.63 करोड़ की नेट खरीदारी की. अगर जुलाई की अब तक की बात करें, तो FIIs ने ₹10,284.18 करोड़ के शेयर्स बेचे और DIIs ने ₹12,402.98 करोड़ की नेट खरीदारी की.
शुक्रवार को भी गिरा था बाजार
पिछले कारोबारी हफ्ते के अंतिम दिन भी बाजार लुढ़का था. सेंसेक्स 690 अंक गिरकर 82,500 पर और निफ्टी में 205 अंकों की गिरावट के साथ 25,150 पर बंद हुआ था. शुक्रवार को सेंसेक्स के 30 में से 23 शेयर गिरे थे. TCS, महिंद्रा और टाटा मोटर्स समेत 14 शेयरों में 1% से 3.5% तक की गिरावट थी. केवल हिंदुस्तान यूनिलीवर 4.65% ऊपर बंद हुआ था.
निवेशकों के लिए अलर्ट : ये हैं खतरे के संकेत

- विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली.
- IT और फार्मा सेक्टर पर भारी दबाव.
- अमेरिका और एशिया से कमजोर संकेत.
- गिरते ग्लोबल इंडेक्स और घरेलू अस्थिरता.
क्या ये सिर्फ गिरावट है या बड़े बदलाव की आहट?
बाजार का यह पैटर्न सिर्फ तकनीकी करेक्शन नहीं लग रहा. लगातार तीन सत्रों से बड़ी गिरावट और FIIs की एग्रेसिव बिकवाली आने वाले समय में और ज्यादा उतार-चढ़ाव की चेतावनी दे रही है.
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