आकाश श्रीवास्तव,नीमच। मध्यप्रदेश के नीमच जिले में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा पर पत्थरबाजी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. भाजपा कांग्रेस के आरोपों के बाद अब गोपालक संघ लामबंद हो गया है. इन लोगों की मांग है कि पुलिस ने जिन गुर्जर समाज के निर्दोषों लोगों पर बिना जांच कर सरकार के दबाव में आकर कार्रवाई की है, उनकी जांच कर उनको छोड़ा जाए. अन्यथा ओबीसी गोपालक संघ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा. जिसकी जवाबदेही पुलिस प्रशासन की होगी.

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नीमच के मेशी शोरूम चौराहा पर ओबीसी संगठन के बैनर तले गुजर समाज के लोग एकत्रित होकर पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे, जहां पर पुलिस अधीक्षक अमित तोलानी को ज्ञापन सोते हुए कहा कि जन आशीर्वाद यात्रा पर पत्थरबाजी के मामले में पुलिस ने सरकार के दबाव में आकर जो कार्रवाई की है. हमारे कुछ निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया है, उन्हें छोड़ा जाए. नहीं तो शनिवार को रामपुरा ओर मनासा थाने का घेराव किया जाएगा.

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उसके बाद भी पुलिस निर्दोष लोगों को नहीं छोड़ती है, तो एसपी कार्यालय का भी घेराव किया जाएगा. बड़ी संख्या में गोपालक सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे. इसके अलावा दूध की सप्लाई भी बंद करने की चेतावनी पुलिस को दी है. वहीं पूरे घटनाक्रम पर नीमच पुलिस अधीक्षक अमित तोलानी ने गोपालकों को जांच का भरोसा देते हुए वैधानिक कार्रवाई की बात की है. पुलिस ने इस मामले में अब तक 5 लोगों की गिरफ्तारी बताई है और कई लोगों को हिरासत में ले रखा है.

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गौरतलब है कि मनासा विधानसभा क्षेत्र के चेनपुरिया ब्लॉक के गांव में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा पत्थरबाजी की घटना हुई थी. जन आशीर्वाद यात्रा में भाजपा के कद्दावर नेता व राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गी वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा सहित जनप्रतिनिधि मौजूद थे. असल में गांधी सागर अभ्यारण क्षेत्र में चीता प्रोजेक्ट के गोचर जमीन पर तार फेंसिंग करते हुए पूरे क्षेत्र को अभ्यारण क्षेत्र में ले लिया गया. जिसके चलते करीब 27000 गायों पर खाने पीने का संकट मंडरा गया है. जिसके चलते यहां के गोपालकों का विरोध सामने आया था.

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