रायपुर। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने एक बयान जारी करते हुए डॉ रमन सिंह को यह समझाइश दी है कि मुश्किल घड़ी में मुसीबत में फंसे मजदूरों के लिए घड़ियाली आंसू बहाना बंद कीजिए। क्योंकि ना ही केंद्र की सरकार को और ना ही आपको कभी भी मजदूरों किसानों युवा बेरोजगारों और वंचितों से लगाव रहा है। जम्मू कश्मीर में फंसे हुए श्रमिक भाइयों के लिए अगर आपके मन में जरा सी भी पीड़ा है तो वहां के मुख्य सचिव और केंद्रीय रेल मंत्री से बात करने की नौटंकी बंद कीजिए। छत्तीसगढ़ सरकार ने 11 मई को जम्मू कश्मीर सरकार के श्रम विभाग के सचिव और रेलवे के नोडल अधिकारी को पत्र लिखकर रेल के संचालन हेतु अनुमति मांगी है। इसके ठीक 1 दिन बाद 12 मई को छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव श्री आरपी मंडल ने जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर यात्री रेल संचालन के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया है। लेकिन 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी अभी तक जम्मू कश्मीर सरकार ने रेल संचालन की कोई भी अनुमति नहीं दी है। यह साबित करता है कि जम्मू कश्मीर की सरकार मजदूरों की मदद नहीं करना चाहती है। वर्तमान समय में जम्मू कश्मीर में कोई निर्वाचित सरकार नहीं है और केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते पूरा नियंत्रण केंद्र सरकार के हाथों में है। अतः अप्रत्यक्ष रूप से यह भी साबित होता है कि मोदी सरकार जम्मू कश्मीर में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिक भाइयों बहनों को उनके गृह राज्य भेजने को लेकर इच्छुक नहीं है। रमन सिंह छत्तीसगढ़ के 15 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे हैं यह समय उन्हें अपने आप को साबित करने का है कि उनके मन में छत्तीसगढ़ वासियों के प्रति जरा सा भी लगाव है कि नहीं। वर्तमान में रमन सिंह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं अपने प्रभाव का उपयोग करके उन्हें सभी ट्रेनों की अनुमति तत्काल प्रदान कर आनी चाहिए। ताकि ट्रेनों का संचालन यथाशीघ्र हो सके और श्रमिक भाई बहन छत्तीसगढ़ लौट सकें। यह समय राजनीति करने का नहीं बल्कि मिलकर गरीबों की मदद करने का है और करोना संक्रमण से लड़ने का है।

कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह द्वारा जारी पत्र की कॉपी