पुरषोत्तम पात्रा, गरियाबंद. जिले के पैरी नदी में कई जगह पर महीनों से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. सरकारी अमला के नाक नीचे नियमो की धज्जियां उड़ाई जा रही है. इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर एनएसयूआई ने कलेक्टर को ज्ञापन सौपा है. एनएसयूआई ने कलेक्टर से तत्काल पैरी नदी पर हो रहे रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगाने की मांग की है साथ ही चेतावनी दी है कि यदि इस पर रोक नही लगाई गई तो वे आगे और भी उग्र आन्दोलन करेंगे.

रेत खनन के लिये सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के मुताबिक चिन्हाकित इलाके में खनन कर रॉयल्टी पटाया जाना है. खनन मशीन से नहीं किया जाना है. स्थानीय मजदूर को ध्यान में रखते हुए मजदूरों को रोजगार देने का प्रावधान किया गया है. दुर्घटना ना हो इसलिये सूर्यास्त के बाद खनन कार्य नहीं किया जाना है. लेकिन जिले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की धज्जियां रेत माफिया उड़ा रहे हैं. जिन्हें नियम का पालन कराना है उनकी चुप्पी को देखते हुए दो दिन पहले जिला एनएसयूआई के अध्यक्ष केसी सिन्हा के नेतृत्व में कलेक्टर को ज्ञापन सौप कर रेत खनन में सुप्रीम कोर्ट के नियमो का पालन कराने की मांग की गई है.

रेत माफियाओं को है सफेदपोशों का संरक्षण प्राप्त

पैरी नदी के पनटोर घाट को छोड़,बारुका,कोपरा,हथबन्ध ओर फिंगेस्वर इलाके के घाटों में शाम ढलने के बाद चेन मोन्टेन से रेत की खुदाई की जा रही है. इस खनन के पीछे राजनीतिक दल से जुड़े कई सफेद पोसो का हाँथ होने का आरोप एनएसयूआई ने लगाया है. अकेले बारुका घाट पर रोजाना 30 से भी ज्यादा संख्या में हाइवा जुटती है और पूरी रात अवैध परिवहन का काम करती है. एनएसयूआई का यह भी आरोप है कि प्रभावशालियो का हांथ और तगड़ी सेटिंग के चलते रात भर जिले के कई थानों को पार कर हाइवे बेरोकटोक सड़को पर दौड़ती नजर आना आम बात बन गया है.

छूट जाती है मशीने

बता दे कि ढाई माह पहले प्रशासन ने एक चेन माउंटेन पर कार्यवाही किया था. मामले में सत्तासीन संगठन के प्रभावशाली व्यक्ति के दखल के बाद कुछ दिनों में ही मशीन छोड़ दिया गया. बारुका घाट पर वही मशीन खनन कर प्रशासन की मिलीभगत को जगजाहिर कर रहा है. इसी मशीन के छूटने के बाद एनएसयूआई में आक्रोश देखा गया.

रोजाना 10 लाख रुपये से ज्यादा का कारोबार

बताया जा रहा है बारुका घाट में रोजाना 15 लाख से भी ज्यादा का कारोबार किया जा रहा है. प्रति हाइवा 28 से 30 की कीमत पर रेत की बिक्री रायपुर और धमतरी जिले के कंस्ट्रक्शन कम्पनियों को किया जा रहा है. एनएसयूआई का आरोप है कि इस काम को अंजाम देने धमतरी के खनिज अधिकारी को गरियबन्द का अतिरिक्त प्रभार दे कर नवाजा गया है. हालांकि खनिज अधिकारी से इस सम्बंध में बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.

नियमों के उल्लंघन पर की जाएगी कार्रवाई – खनिज निरिक्षक

जब इस बारे में खनिज निरिक्षक उमेश भार्गव से बात की गई तो उनका कहना था कि रॉयल्टी विधिवत पटाई जा रही है. जंहा भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा है. उनके खिलाफ कर्रवाई की जा रही है. कोपरा और हथबन्द को हमने सील कर दिया है. बारुका की भी जांच की जायेगी.