दिल्ली। लॉकडाउन में इंसानी हौसलों और जज्बों की एक से बढ़कर एक कहानियां सामने आ रही हैं। कर्नाटक में एक बेहद गरीब बच्चे के हौसले ने वो किस्सा बयान किया कि सख्त दिल पुलिस वाले भी पिघल उठे।
दरअसल, कर्नाटक के तेज तर्रार पुलिस सब इंस्पेक्टर महंतेश बनप्पा गौदर बंगलुरू के संपिगेली पुलिस स्टेशन में तैनात हैं। वो लॉकडाउन में ड्यूटी कर रहे थे तभी सुनसान सड़क पर एक मुस्लिम बच्चा किताबें हाथ में लेकर चला जा रहा था। महंतेश उस बच्चे को बुलाते हैं और पूछते हैं कि कहाँ जा रहे हो? बच्चा डर जाता है। जिसे महंतेश तुरंत समझ जाते हैं और प्यार से पूछते हैं तब बच्चा बताता है की ‘उसके पिता नही हैं माँ घरों में काम करती है। माँ ने मेरे दोस्त के घर जाकर मुझे पढ़ने के लिए भेजा है’ और ये कहते हुए वो पाँचवीं की किताब जो सामाजिक विज्ञान होती है वो दिखाता है,ऑफ़िसर भावुक हो जाते हैं और पूछते हैं आप क्या बनना चाहते हैं तो बच्चा कहता है कि मैं पुलिस बनना चाहता हूँ।
मासूम की ये बात सुन कर ऑफ़िसर को अपने बचपन की याद आ जाती है जब वो ये सपने देखा करते थे,और बच्चे को प्यार से गले लगा लेते हैं,पर्स से 100 रुपए निकाल कर देते हैं और कहते हैं कि आप इसकी चोकलेट खा लेना,अपनी टोपी निकालते हैं उसे बच्चे के सर पर रख देते हैं जिसकी तस्वीरें उनके विभाग के ही पुलिसकर्मी क्लिक कर लेते हैं। महंतेश बच्चे के जज्बे के कायल हो गए और देश उन दोनों का।