मिथलेश गुप्ता, जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। हाथी के हमले में एक व्यक्ति की मौत के बाद मुआवजे की रकम को लेकर ऐसा विवाद खड़ा हो गया है, जिसने पूरे गांव और प्रशासन को हैरानी में डाल दिया है। मृतक के सामने अचानक छह महिलाएं अपने-अपने बच्चों के साथ पहुंच गईं और सभी ने खुद को उसकी असली पत्नी बताकर मुआवजे पर दावा ठोक दिया।

यह पूरा मामला पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के बालाझर चिमटापानी गांव का है। यहां रहने वाले सालिक राम टोप्पो की बीते दिन हाथी के हमले में मौत हो गई थी। सरकार की ओर से मिलने वाले जनहानि मुआवजे की प्रक्रिया शुरू ही हुई थी कि इसी बीच छह महिलाएं अपने-अपने बच्चों के साथ सामने आ गईं और सभी ने खुद को मृतक सालिक की “असली पत्नी और वारिस” बताकर मुआवजे की राशि अपने नाम देने की मांग करने लगीं।

गांव में चर्चा है कि सालिक ने अलग-अलग समय में सभी छह महिलाओं से शादी की थी और प्रत्येक के साथ 2-3 साल का वैवाहिक जीवन व्यतीत किया। इसी दौरान उनके बच्चे भी होते चले गए। अपनी अंतिम अवधि में सालिक, चिमटापानी में अपनी एक पत्नी और उसके बेटे भागवत टोप्पो के साथ रह रहा था। जहां मृतक के परिजन वन विभाग ऑफिस पहुंचकर शासन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। अब प्रशासन के सामने यह बड़ी चुनौती है कि आखिर मुआवजे का असली हकदार कौन है।

इस पूरे मामले ने गांव और इलाके में हास्य और हैरानी दोनों का माहौल बना दिया है। अलग-अलग पत्नियों के बच्चों ने सरपंच से अपने नाम का पंचनामा कागजात बनवाकर खुद को मुआवजे का हकदार बताया है।

इस मामले में वन परिक्षेत्राधिकारी कृपा सिंधु पैंकरा ने बताया कि हाथी के हमले में मृतक परिवार को जनहानि का मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन मृतक के परिजनों के साथ-साथ कथित पूर्व पत्नियों के बच्चे व दामाद भी कार्यालय आकर मुआवजे की राशि देने की मांग कर रहे हैं। हालांकि पंचायत सरपंच की सहमति के आधार पर और जांच के अनुरूप ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि फिलहाल सभी महिलाएं जल्दी से जल्दी अपने पक्ष में मृतक की पत्नी होने का प्रमाण पत्र लाने की बात कर रही हैं। आवश्यक दस्तावेज लाने में जो भी महिला सफल होगी, उसी के पक्ष में मुआवजा राशि के लिए प्रकरण बनाया जाएगा।