पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। नगर पंचायत छुरा का एक और कारनामा निकल कर सामने आया है. जिसमें एक वर्ष पूर्व बनाऐ मुत्रालय को निलाम कर दिया है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी का कहना है कि नगर पंचायत अपनी आय बढ़ाने नगरीय क्षेत्र की अपनी किसी भी संपत्ति को निलाम कर या किराये पर देकर अपनी आय बढ़ा सकती है. जिम्मेदार अधिकारी द्वारा निकाय की आय बढ़ाने के नाम पर मुत्रालय को निलाम करने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.
मिली जानकारी के अनुसार जुन 2023 में नगर पंचायत में महिला एवं पुरूष मुत्रालय की आवश्यक्ता को देखते हुए पार्षद निधी से 3.27 की लागत से मुत्रालय का निर्माण करवाया गया था. जिसका बकायदा निविदा आमंत्रीत कर मुत्रालय निर्माण करवाया गया. वहीं मुत्रालय निर्माण के ठीक एक वर्ष बाद निकाय द्वारा मुत्रालय के एक हिस्से को निलाम करने बकायदा निविदा जारी की गई. जिसके बाद निविदा के आधार पर एक दुकानदार को मुत्रालय के उस हिस्से को 1 लाख रूपये में निलाम भी कर दिया गया है.
निकाय के दोनों दस्तावेजों में अलग-अलग नाम
नगर पंचायत छुरा द्वारा निलाम की गई जगह को दोनों जगह अलग-अलग नाम दर्शाऐ गए हैं. जून 2023 में निर्माण के समय जो कार्यादेश जारी किया गया. उसमें उसे महिला एवं पुरूष मुत्रालय कक्ष बताया गया है. तो वहीं 2024 में उसी जगह को नीलाम करते समय उसे भवन बताकर नीलाम कर दिया गया है.
नगर पंचायत की आय के स्त्रोत बढ़ाने के लिए भले ही मुत्रालय को निलाम नगर पंचायत द्वारा किया गया है. लेकिन नगर पंचायत क्षेत्र में बस स्टैंड एवं स्वर्ण जयंती चौक में कई ऐसी दुकानें है जो अब तक आबंटीत नहीं हुई है. ऐसे में केवल एक दुकान के आबंटन की निविदा के बजाय अन्य सभी दुकानें जो आबंटित नहीं हुई है. उनकी भी अगर निविदा आमंत्रित की जाती तो वो नगर पंचायत की आय बढ़ाने में मददगार साबित होता. नगर के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा केवल एक कक्ष की निलामी की निविदा निकलाना समझ से परे है. जानकारों की माने तो एक से अधिक दुकानों की निलामी करने पर नगर पंचायत को दुकानों में अनुपातिक रूप से आरक्षण लागु करना होता है. केवल एक दुकान की निलामी से आरक्षण की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है.
इस संबंध में नगर पंचायत छुरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी लालसिंह मरकाम से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि उक्त भवन को निलाम करने जनप्रतिनिधियों द्वारा सामान्य सभा में प्रस्ताव पारित किया गया था. जिसके बाद भवन को निलाम करने की प्रक्रिया पूरी की गई है. निकाय अपनी आमदनी बढ़ाने अपनी संपत्ति को नीलाम कर आय बढ़ा सकती है.
नगर पंचायत छुरा पूर्व में बिना सरेंडर किये दुसरे दुकानदार को दुकान हस्तांरण कर सुर्खियों मे रह चुका है. विदित हो कि बजरंग चौक स्थित कॉम्प्लेक्स की दुकान भी बिना पूर्व किरायेदार से दुकान सरेंडर कराये दूसरे दुकानदार को हस्तांरण कर चर्चा में रह चुका है. मामले में कलेक्टर से शिकायत के बाद एसडीएम द्वारा मामले की जांच भी की गई. लेकिन बाद में मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. हालांकि नगर पंचायत के जिम्मेदार आज दिनांक तक भी उक्त दुकान के हस्तांरण से इंकार कर रहे है. नगर के नागरिक निकाय के जिम्मेदारों की मनमानी की शिकायत कलेक्टर से करने की तैयारी कर रहें हैं.
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