बस्तर. संभाग की राजनीति में दखल रखने वाले महारा जाति विगत कई वर्षों से अपनी जाति के आरक्षण की मांग को लेकर सड़क की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. उनकी आवाज अभी तक केंद्र सरकार के समक्ष नहीं पहुंच पाई थी, लेकिन इस समय बस्तर सांसद दीपक बैज ने लोकसभा में आरक्षण के मामले को उठाया.

सांसद दीपक बैज ने आरक्षण के मामले को उठाते हुए कहा कि बस्तर लोकसभा के 6 जिले दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर के लगभग 10 लाख से अधिक मूल जाति महारा समुदाय जो की पिछड़े और गरीब हैं वे अनुसूचित जाति में आरक्षण के लिए लगातार मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया है.

वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को महारा जाति को छत्तीसगढ़ में अनुसूची के सरल क्रमांक 33 में महार, मेहर, मेहरा के साथ-साथ प्रतिस्थापित करने के लिए प्रस्ताव छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 3 जून 2021 व10 जनवरी 2022 और 28 जनवरी 2022 को केंद्र सरकार के समक्ष सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को भेजा गया है. माहरा समाज को भी महार, मेहर, मेहरा के साथ अनुसूचित जाति में लिए जाने की बात सांसद बैज ने सदन में रखी.