वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। बस्तर और सुकमा जिले में ग्रामीण विद्युतीकरण के नाम पर करोड़ों का स्ट्रीट लाइट घोटाला किया गया है. मामले में हाईकोर्ट के स्व-संज्ञान के बाद चल रही जनहित याचिका में सुनवाई जारी है. बुधवार को हुई सुनवाई में महाधिवक्ता ने बताया कि जांच समिति गठित हो चुकी है जो अपना काम कर रही है. इस पर मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने शासन से शपथपत्र में जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को रखी है.

बस्तर और सुकमा जिले के 190 गांवों में लगा दी गई 18 करोड़ रुपये की 3500 से ज्यादा सोलर रट्रीट लाइट नियमों को दरकिनार कर लगा दी गई. इस खबर पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था. पूर्व में हुई सुनवाई में बताया गया कि पूरी निविदा प्रक्रिया क्रेडा के माध्यम से होनी चाहिए थी, जो वर्तमान मामले में नहीं की गई है. राज्य के अधिकारियों को पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी की है. अतिरिक्त महाधिवक्ता राज कुमार गुप्ता ने बताया था कि जब उपरोक्त तथ्य अधिकारियों के संज्ञान में आया, तो दिनांक 09.04.2024 को आयुक्त, आदिवासी विकास, रायपुर द्वारा जांच का आदेश दिया गया. जांच भी पूरी हो चुकी है और रिपोर्ट भी संबंधित अधिकारी को प्रस्तुत कर दी गई है.

बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डीबी में हुई सुनवाई में महाधिवक्ता ने बताया कि जांच समिति गठित हो गई है. जल्द ही वास्तविक रिपोर्ट सामने आ जाएगी. इस पर कोर्ट ने कहा कि आप शासन की ओर से शपथपत्र में विस्तृत जानकारी पेश करें.