शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे बिजली कर्मियों ने आखिरकार अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। बिजली संगठनों की पावर मैनेजमेंट कंपनी के MD से बातचीत ख़त्म हो गई है। जिसके बाद उनके प्रदर्शन पर विराम लग गया है। हड़ताली कर्मचारियों पर हुई कार्यवाही निरस्त करने का फैसला लिया गया है। पेंशन, O3 स्टार मेट्रिक्स विलुप्त करने, कंपनी कैडर, संविदा एवं आउटसोर्स के विभिन्न मुद्दों पर सहमति बनी है।
बता दें कि बिजली कर्मचारियों ने आठ सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल शुरू की थी। कर्मचारियों ने गुरुवार को सभी जिला कलेक्टरों को हड़ताल पर जाने का नोटिस दिया था। इसे देखते हुए सरकार ने गुरुवार को ऊर्जा विभाग के अंतर्गत काम करने वाली सभी छह विद्युत कंपनियों के कर्मचारियों को हड़ताल से रोकने के लिए अत्यावश्यक सेवा प्रबंधन कानून (एस्मा) तीन माह के लिए लागू कर दिया था। लेकिन, इसकी परवाह न करते हुए कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे।
4 दौर की बातचीत और एस्मा लगाने के बाद बिजली कर्मचारियों ने काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरु कर दी थी। जिसकी वजह से दफ्तरों सन्नाटा पसर गया था। वहीं पूरे प्रदेश भर में ब्लैक आउट की स्थिति बन गई थी।
बिजली कर्मचारियों की 8 सूत्रीय मांगें :
1. ज्वाइंट वेंचर एवं टीबीसीबी वापस लिया जाए।
2. पेंशन की व्यवस्था सुनिश्चित हो, डीआर के आदेश, चतुर्थ वेतनमान के आदेश जारी किए जाए।
3. सातवें वेतनमान में 3 स्टार मैट्रिक्स विलोपित किया जाये।
4. वर्ष 2023 संविदा नीति लागू की जाए।
5. आउटसोर्स कर्मियों की वेतन वृद्धि के साथ 20 लाख का दुर्घटना बीमा एवं 3000 रुपये का जोखिम भत्ता दिया जाए।
6. कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर की जाए।
7. उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियंताओं को सहायक अभियंता की नियुक्ति के लिए नीति बनाई जाए।
8. सभी वर्गों के गृह जिले में स्थानांतरण, संगठनात्मक संरचना का पुनर्निरीक्षण एवं अन्य मांगों पर निर्णय लिया जाए।