वॉशिंगटन। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने आतंकियों के पनाहगार बने पाकिस्तान को कड़ी निंदा की है. दोनों नेताओं की ओर से जारी संयुक्त बयान में पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान अलग-अलग स्तरों पर बहुत सारी बातें हो रही है. एक तरफ जहां भारत की अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों में लगने वाले जेट इंजन के लिए समझौते हो रहे हैं, तो दूसरी ओर दोनों देश सैद्धांतिक और वैचारिक तौर पर एक साथ आने की कवायद कर रहे हैं, जो दोनों नेताओं की ओर से जारी संयुक्त बयान में सामने आया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संयुक्त बयान में सीमा पार आतंकवाद और छलपूर्ण आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान की कड़ी निंदा की. उन्होंने पाकिस्तान से आतंकवादियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने को कहा और साथ ही ये भी कहा कि पाकिस्तानी नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमले करने के लिए न किया जाए.

भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान की ओर से 2008 के मुंबई हमलों के साजिशकर्ताओं को कड़ी सजा देने की भी मांग की. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए 2019 पुलवामा आतंकी हमले के बाद एयर स्ट्राइक करते हुए आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया था.

अमेरिका के ऐतिहासिक रूप से पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रहे है, लेकिन तालिबान और इस्लामाबाद के शक्तिशाली सैन्य के बीच बढ़ते संबंधों को लेकर अमेरिका पाकिस्तान की निंदा की है. एक और जहां भारत के साथ अमेरिका के संबंध बेहतर हो रहे है तो वहीं दूसरी ओर बाइडेन सरकार ने 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद से पाकिस्तान से दूरी बना ली है.

म्यांमार की बिगड़ती स्थिति पर भी चिंता

भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान के अलावा म्यांमार की बिगड़ती स्थिति के बारे में गहरी चिंता जताई है. हाल ही में म्यांमार सेना ने ऐलान किया है कि देश की सत्ता अब उनके हाथों में होगी. इस पर चिंता जाहिर करते हुए भारत और अमेरिका ने म्यांमार से मनमाने ढंग हिरासत में लिए गए सभी लोगों की रिहाई करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने रचनात्मक ढंग से बातचीत करने और एक समावेशी संघीय लोकतांत्रिक प्रणाली स्थापित करने की मांग भी की है.