आज Sterlite Technologies Limited नाम की एक स्मॉलकैप कंपनी ने शेयर बाजार में निवेशकों को चौंका दिया. कंपनी के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. कारोबार के दौरान यह शेयर 13% तक चढ़ गया. खबर लिखे जाने तक यह 10.50% की तेजी के साथ 85 रुपये पर कारोबार कर रहा था.

इस तेजी के पीछे की वजह एक बड़ा सरकारी ठेका है – जो कंपनी को बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) से मिला है. यह डील कंपनी के लिए बुनियादी तौर पर भी काफी अहम मानी जा रही है.
स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज ने दिलीप बिल्डकॉन के साथ मिलकर ₹2,631.14 करोड़ का ठेका हासिल किया है. यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की भारतनेट योजना के तहत आता है, जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा.
इस परियोजना के तहत ‘मिडिल माइल नेटवर्क’ विकसित किया जाएगा, जिसमें नेटवर्क निर्माण, उपकरणों की आपूर्ति, नेटवर्क संचालन, अपग्रेड और 10 साल तक रखरखाव शामिल हैं. पूरी परियोजना तीन साल में पूरी होगी, जिसके बाद अगले दस साल तक नेटवर्क का रखरखाव भी यही कंपनियां करेंगी.
सरकार का उद्देश्य है कि डिजिटल संप्रभुता और BSNL-MTNL को मजबूत हो. यह परियोजना सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को बीएसएनएल/एमटीएनएल सेवाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. सरकार इस परियोजना के जरिए डेटा सुरक्षा को बढ़ावा देना चाहती है. इससे सरकारी दूरसंचार कंपनियों को आर्थिक मजबूती मिलेगी और डिजिटल इंडिया मिशन को नया आयाम मिलेगा.
दरअसल, केंद्र सरकार ने 2019 में लिए गए कैबिनेट के उस फैसले का हवाला दिया है, जिसमें सभी मंत्रालयों और विभागों को बीएसएनएल और एमटीएनएल की सेवाओं का अनिवार्य रूप से उपयोग करने को कहा गया था. अब यह पहल राज्य सरकारों तक विस्तार की ओर बढ़ रही है.
म्यूचुअल फंड भी दिखा रहे हैं भरोसा
इस प्रोजेक्ट और कंपनी की संभावनाओं को देखते हुए म्यूचुअल फंड भी स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं.
मार्च 2025 तिमाही में म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी: पहले 6.57% थी, जबिक अब: 8.93% है.
बनाए रखें नजर
स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज की पहले से ही टेलीकॉम और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में मजबूत उपस्थिति है. इस तरह के कॉन्ट्रैक्ट से न केवल इसकी आय बढ़ेगी बल्कि यह लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प भी बन सकता है.
हालांकि, स्मॉलकैप स्टॉक ज़्यादा अस्थिर होते हैं, इसलिए निवेशकों को वित्तीय सलाह और जोखिम आकलन के बाद ही कोई फ़ैसला लेना चाहिए.