Stubble Burning: फरीदकोट जिले में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए प्रशासन ने एक नई योजना बनाई है. उपायुक्त विनीत कुमार के नेतृत्व में फैसला लिया गया है कि पराली की गट्ठों को रखने के लिए किसानों को पंचायत की जमीन बिना किसी किराए के उपलब्ध कराई जाएगी. इससे किसानों को पराली को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी, जिसे बाद में उपयोग में लाया जा सकेगा.

इस योजना के अंतर्गत मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अमरीक सिंह और उनकी टीम ने विभिन्न गांवों में जाकर बेलर मालिक किसानों से उनकी जमीन की आवश्यकता के बारे में जानकारी प्राप्त की. जिले में लगभग 90-100 बेलर मशीनें पराली की गट्ठों का निर्माण कर रही हैं, और करीब दो लाख टन से अधिक पराली की गट्ठें बनाई जा रही हैं. कुछ बेलर मालिक किसानों ने पराली की गट्ठों का भंडारण करने के लिए जमीन की मांग की थी, जिसके समाधान के लिए यह निर्णय लिया गया है.

मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों से अपील की है कि अगर किसी को जमीन की आवश्यकता हो तो वे संबंधित ब्लॉक विकास और पंचायत अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं.

इसके अतिरिक्त, गेहूं की बुआई के लिए डीएपी खाद की कमी के संबंध में भी जानकारी दी गई. किसानों को बताया गया कि डीएपी के विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं, जिनमें ट्रिपल सुपर फॉस्फेट, सिंगल सुपर फॉस्फेट जैसी खादें शामिल हैं. ट्रिपल सुपर फॉस्फेट में 46% फॉस्फोरस तत्व होता है, जिसकी कीमत डीएपी से कम है.

बेलर मालिक किसान हरप्रीत सिंह ने गांव की पंचायत द्वारा 4 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने के लिए उपायुक्त का आभार व्यक्त किया. Stubble Burning