सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। मेडिकल कोर्स (MBBS) की काउंसलिंग के लिए आज लिस्ट जारी किया जाना था, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से काउंसिलिंग नहीं हो पाई. लिहाजा, छात्रों और पालकों को निराश लौटना पड़ा. 30 सितंबर काउंसलिंग प्रक्रिया की अंतिम तिथि है.

पालक राजीव गुप्ता ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए आज दूसरे राउंड की सूची जारी की जानी थी, लेकिन साढ़े सात लाख बैंक गारंटी के लिए दिया गया समय पर्याप्त नहीं है. इस समय में बैंक गारंटी बनाना संभव नहीं, जिसकी वजह से सरकारी सीट के भी ख़ाली रहने की आशंका बढ़ गई है.

काउंसिलिंग के लिए पहुंचे छात्र और पालक सवाल उठा जा रहे हैं. उनका कहना है कि दूसरे राज्यों में जब काउंसिलिंग सरकारी पार्टी से करा रहे हैं, तो फिर छत्तीसगढ़ में काउंसलिंग मेडिकल शिक्षा के अधिकारी क्यों करते हैं. यही नहीं हर साल काउंसिलिंग के दौरान विवाद की स्थिति बनने के बाद भी वही अधिकारी क्यों तैनात किए जा रहे हैं.

सरकारी और प्राइवेट करके 16 मेडिकल कॉलेज में MBBS की 2025 सीटों में एडमिशन के लिए काउंसलिंग होना था. निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए स्क्रूटनी प्रक्रिया में डिमांड ड्राफ्ट और बैंक गारंटी दिखाना जरूरी है. लेकिन इतने कम समय में बैंक ड्राफ्ट और बैंक गारंटी लेकर निर्धारित काउंसिलिंग जगह पर पहुंचना मुश्किल है. यही नहीं हर एक दिन का विलंब आखिरी के स्टेट राउंड को खत्म कर देगा.

कायदे सके 19 को अलॉटमेंट जारी करना था, लेकिन अभी तक जारी नहीं हुआ है. प्रवेश के लिए अगर एक दिन भी बढ़ाते हैं, तो 2 दिन का आखिरी स्टेट राउंड सिर्फ एक दिन का हो जाएगा. ऐसे में सुदूर अंचल का विद्यार्थी कैसे किसी जगह पर जाकर प्रवेश लेगा. इस मामले को लेकर मेडिकल शिक्षा आयुक्त जेपी मौर्य, सचिव पी दयानंद और रेणु पिल्ले को कॉल किया गया है, लेकिन किसी ने भी कॉल का जवाब नहीं दिया है.