पटना. इन दिनों बिहार के परीक्षार्थी अजीब दुविधा से जूझ रहे हैं. दरअसल सरकार ने फरमान जारी किया है कि इन परीक्षाओं में किसी भी कीमत पर नकल नहीं होने दी जाएगी. बस, उसका नतीजा बेचारे छात्र भुगतने को तैय्यार हैं.
बिहार बोर्ड अपनी नकल औऱ गोरखधंधे के लिए काफी कुख्यात रहा है. इसके चलते बिहार बोर्ड की काफी बदनामी भी मीडिया में हुई. इससे बचने के लिए इस बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने नया तरीका खोज निकाला है. उन्होंने फरमान जारी किया है कि परीक्षार्थी जूता-मोजा पहनकर परीक्षा केंद्र में नहीं जा सकेंगे. दरअसल, इसके पीछे उनका मकसद है कि किसी भी तरह परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र में नकल न ले जाने पाएं.
इस फरमान के बाद अब परीक्षार्थियों के सामने नई मुश्किल खड़ी हो गई है. वो दरअसल समझ नहीं पा रहे हैं कि पेपर हल करें कि अपने जूते-मोजे की चिंता करें जो कि परीक्षा केंद्र के बाहर रखे हुए हैं. दरअसल अब परीक्षार्थियों को पेपर की कम औऱ बाहर रखे जूते-मोजों की ज्यादा चिंता सता रही है. वजह ये है कि बाहर रखे उनके जूतों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा है. इसलिए छात्र प्रश्न पत्र की बजाय अपने जूतों की फिक्र में ज्यादा परेशान हैं. कई छात्र तो बाहर ठेले और खोमचेवालों को पैसा देकर अपने जूते-चप्पलों की रखवाली करा रहे हैं.