कुंदन कुमार, पटना। बिहार सरकार द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया TRE-4 (Teacher Recruitment Examination) में डोमिसाइल नीति लागू किए जाने के बाद छात्रों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में घोषणा की थी कि अब से शिक्षक बहाली में सिर्फ बिहार के स्थायी निवासियों (डोमिसाइल) को ही मौका मिलेगा।

TRE-4 से पहले STET कराने की मांग

इस फैसले के बाद अब राजधानी पटना में बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि TRE-4 की परीक्षा से पहले राज्य स्तर पर STET (State Teacher Eligibility Test) का आयोजन कराया जाए, ताकि नए अभ्यर्थियों को भी शिक्षक बनने का अवसर मिल सके।

छात्रों का कहना है कि यदि डोमिसाइल नीति लागू की जा रही है, तो बाहर के उम्मीदवारों का मौका खत्म हो जाएगा, लेकिन राज्य के अपने छात्रों के पास भी योग्यताएं पूरी करने का अवसर नहीं है, क्योंकि STET की परीक्षा ही समय पर आयोजित नहीं हो रही है।

2011 में हुआ था पहली बार STET

गौरतलब है कि बिहार में पहली बार STET परीक्षा का आयोजन वर्ष 2011 में हुआ था और अब तक केवल तीन बार ही यह परीक्षा कराई गई है। अंतिम बार 2023 में STET का आयोजन हुआ था।

छात्रों ने आरोप लगाया कि बिना STET के आयोजन के, TRE-4 के जरिए सिर्फ पुराने प्रमाणपत्रधारी अभ्यर्थियों को ही मौका मिलेगा, जबकि नए स्नातक छात्र इस प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह TRE-4 के पहले जल्द से जल्द STET परीक्षा का आयोजन करे।

अब यह देखना होगा कि सरकार प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांगों को कितना गंभीरता से लेती है और क्या STET परीक्षा को लेकर कोई नई घोषणा होती है या नहीं।

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