गोरखपुर. पूर्वी उत्तर प्रदेश में गन्ने की उत्पादकता एवं चीनी परता बढ़ाने तथा कृषकों की आय बढ़ाने के लिए शासन द्वारा कई योजनाएं गन्ना विकास के लिए संचालित की जा रही है. इसी क्रम में गन्ना शोध संस्थान, कृषि विश्वविद्यालयों पशु अनुसंधान संस्थानों द्वारा किए जा रहे शोध तकनीक का प्रयोगशाला से किसान के खेतों पर पहुंचाने के लिए गोरखपुर, बस्ती तथा आजमगढ़ मंडल के 50 गन्ना कृषकों का 9 दिवसीय अध्ययन यात्रा लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान लखनऊ के निर्देशक विश्वेश कनौजिया के मार्ग निर्देशन में 20/2/24 से 28/2/24 तक आरक्षित बस द्वारा पिपराईच गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र द्वारा भेजा जा रहा है.
यह जानकारी उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराईच गोरखपुर के सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्ता ने दी. कृषकों का चयन गन्ना विकास विभाग द्वारा किया गया है. उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों का औसत उपज शामली का 1025 कुंतल प्रति हेक्टेयर, मेरठ का 914 कुंतल, बिजनौर का 900 कुंतल, तथा मुजफ्फरनगर का 948 कुंतल प्रति हेक्टेयर है जबकि पूर्वांचल के जिलों मे गोरखपुर का 682 कुंतल, महाराजगंज- 695, बस्ती -690, कुशीनगर -777 कुंतल, आजमगढ़ – 622, गोंडा- 787 कुंतल प्रति हेक्टेयर है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने का औसत उपज अधिक क्यों, इसका अध्ययन करेंगे पूर्वांचल के किसान, अध्ययन दल मुरादाबाद, बिजनौर, मेरठ, मुज़फ़्फ़र नगर, शामली आदि प्रमुख जिलों का भ्रमण करते हुए.
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मुजफ्फरनगर में उत्तर प्रदेश की बड़ी चीनी मिल खतौली भी देखेंगे, गांव में जाकर किसान का खेत देखेंगे, वार्ता करेंगे. आर्थिक विकास का कारण जानेंगे, इन अनुसंधान संस्थानों को देखेंगे, वैज्ञानिकों से लेंगे जानकारी और शोध प्रक्षेत्र देखेंगे. कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या, कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, गन्ना अनुसंधान संस्थान- लखनऊ, शाहजहांपुर, मुजफ्फरनगर, भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान- कानपुर, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान- वाराणसी, भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान -बरेली, आम अनुसंधान संस्थान – मलिहाबाद -लखनऊ, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय- मथुरा, कृषि अनुसंधान संस्थान- नैनी -प्रयागराज आदि प्रमुख स्थान है.
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कृषि विश्वविद्यालय में किसान- दलहन, तिलहन, बागवानी, पशुपालन, मुर्गीपालन, मशरूम पालन, मछली पालन आदि देखेंगे, वैज्ञानिक अपने-अपने विषय की जानकारी देंगे. सहायक निदेशक ने बताया कि गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ मंडल के 25000 गन्ना कृषकों को भी प्रशिक्षित करने का लक्ष्य शासन द्वारा निर्धारित किया गया है. इसके लिए विशेष प्रशिक्षण अभियान चलाया जा रहा है. अध्ययन यात्रा “गन्ना धाम” के लिए 20/2/24 को 9:00 बजे गन्ना संस्थान कार्यालय पिपराइच से प्रारंभ होगा.
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