पुरूषोत्तम पात्रा, गरियाबंद। देवभोग अमलीपदर क्षेत्र के 220 गांव में वर्षों से ब्याप्त बिजली की समस्या से निजात दिलाने , वर्ष 2016 में स्वीकृत इंदागांव 132 केव्ही उपकेंद्र का कार्य तेजी से चल रही है. इस प्रोजेक्ट के लिए 68 करोड़ की स्वीकृति मिली है. 7 फरवरी 2020 को कार्य आदेश जारी हुआ है. बिजली विभाग के उच्चताप शाखा के नियंत्रण में शुरू कार्य मे 12 माह के भीतर विभाग ने सब स्टेशन के बेसिक कार्य के अलावा लाइन सेक्शन में बनने वाले 230 टावर में से 70 के लिए फाउंडेशन तैयार कर लिया है.
दरअसल, 68 किमी के टावर लाइन में 42 किमी का एरिया वन विभाग के दायरे में आता है. इन चिन्हांकित स्थलों पर टावर लगाने से पहले लगभग 20 हजार पेड़ों की कटाई करनी होगी. विभाग से अब तक पेड़ काटने की अनुमति नहीं मिल सकी है, जिसके कारण इन भागों के टावर फाउंडेशन वर्क का कार्य रुका हुआ है. विभाग के एमडी अशोक कुमार ने बताया कि विभाग ने एनओसी की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली है. ट्री कटिंग के आदेश एक सप्ताह के भीतर मिलने की उम्मीद है.
68 करोड़ के प्रोजेक्ट में 35 करोड़ वन विभाग को दिया
प्रोजेक्ट के लिए बिजली नगरी के ब्लॉक के चमेदा में स्थापित 132 उपकेंद्र से आना है, यहां से इंदागांव की दूरी 68 किमी की है. 230 ऊंचे टावर (30 से 40 मिटर के) से लाइन पहुंचना है. 42 किमी फारेस्ट एरिया से होकर लाइन गुजरेगी. धमतरी, गरियाबंद व उदंती अभयारण्य के 111.456 हेक्टेयर टावर के लिए बिजली विभाग ने अर्जित किया है. तीन साल की लम्बी प्रक्रिया के तहत सभी प्रकार के अनापत्ति प्रमाण पत्र अर्जित करने के बाद विभाग ने वन भूमि के एवज में विभाग को 35 करोड़ का भुगतान किया है.
चाम्पा के 220 हेक्टेयर बंजर भूमि पर रोपे जाएंगे 2 लाख से ज्यादा पौधे- वन अधिनियम के मुताबिक, उपयोग की जाने वाली भूमि के बदले में दुगुने रकबे पर पौधरोपण कराना होता है. इसलिए बिजली विभाग को 220 हेक्टेयर भूमि पर पौध रोपण करवाना होगा, जिसके लिए वन विभाग के सम्बंधित मद में 35 करोड़ जमा कराया गया है. वन विभाग ने इस रोपण के लिए चाम्पा के बलोदी परिक्षेत्र में जमीन का चिन्हांकन किया है.
अप्रैल के बजाए इस बार फरवरी में खड़ी हो रही समस्या
गर्मी में जब इलाके का लोड बढ़ता है तो,60 साल से भी पुराने 11 केव्ही के लाइन में लगातार फाल्ट आता है. पर इस सीजन में फरवरी माह से ही फाल्ट का सामना करना पड़ रहा है. 1 फरवरी से लगातार 5 फरवरी तक आधे दिन की बिजली मिल रही है. 10 से 12 घण्टे रोजाना बिजली सेवा बाधित हो रहे है, गुल के अलावा लो वोल्टेज की समस्या भी शुरु हो गई है. जून 2021 तक पपरियोजना पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है. अगर निरन्तर काम चला तो जल्द ही बिजली समस्या से छुटकारा मिलेगा.