मनोज उपाध्याय, मुरैना। प्रख्यात गांधीवादी नेता और चंबल की धरती को डकैतों के आतंक से मुक्ति दिलाने वाले डॉ. एसएन सुब्बाराव (92 साल)  का निधन हो गया है। राव बुधवार सुबह 4:00 बजे अंतिम सांस ली। सुब्बाराव का जयपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे काफी समय से अस्वस्थ थे। उनका जयपुर सवाई मानसिंह अस्पताल (Jaipur Sawai Mansingh Hospital) में इलाज चल रहा था। वहीं पर उन्होंने आज सुबह अंतिम सांस ली। सुब्बाराव को सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अपना आदर्श मानते थे।

बुधवार शाम 4 बजे उनकी पार्थिव देह मुरैना पहुंचेगी, जहां अंतिम दर्शनों के लिए उनकी पार्थिव देह को रखा जाएगा। उसके बाद जौरा स्थित गांधी सेवा आश्रम में ले जाया जाएगा, जहां गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। गौरतलब है कि श्री सुब्बाराव ने चम्बल में आतंक का पर्याय बन चुके 654 डाकुओं का सामूहिक सरेंडर करवाया था। उन्होंने ही जोरा में गांधी सेवा आश्रम की नींव रखी थी।

कल जौरा में प्रख्यात गांधीवादी नेता और चंबल की धरती को डकैतों के आतंक से मुक्ति दिलाने वाले सुब्बाराव का अंतिम संस्कार होगा।इस मौके पर जौरा का बाजार पूरी तरह से बंद रहेगा। उनकी अंतिम यात्रा में कई स्वतंत्रता सेनानी तथा जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल रहेंगे।

1929 में बेंगलुरु में जन्मे डॉ. सुब्बाराव 13 वर्ष की उम्र में ही भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement)  में भी हिस्सा लिया था। गांधीवादी विचारों को स्थापित करने के लिए पहचाने जाने वाले डॉ. सुब्बाराव ने चंबल घाटी में कुख्यात डकैतों से सरेंडर करवाया था। गांधी सेवा संघ की स्थापना कर हजारों लोगों को रोजगार दिया था। वे राष्ट्रीय सेवा योजना संस्थापक सदस्य थे। उन्होंने नेशनल यूथ प्रोजेक्ट की भी स्थापना की थी। सीएम अशोक गहलोत डॉ. सुब्बाराव को अपना आदर्श मानते थे। गहलोत डॉ. सुब्बाराव से लगातार मार्गदर्शन लेते थे।