वॉशिंगटन। टाइटैनिक (Titanic) जहाज के अवशेष दिखाने के लिए एक पायलट और चार पर्यटकों के साथ समुद्र में उतरी पनडुब्‍बी उत्‍तरी अटलांटिक में डूब गई है. रविवार को इस पनडुब्‍बी से संपर्क टूटने के बाद अमेरिकी तटरक्षक बल बचाव अभियान में जुटी हुई है. पर्यटनों को बचाने के लिए कुछ ही समय है, क्योंकि पनडुब्‍बी में सिर्फ 72 घंटे का ही ऑक्‍सीजन बचा है.

टाइटैनिक जहाज का अपनी पहली ही यात्रा में समुद्र में डूबना एक दंतकथा बन चुका है. साउथहैम्‍पटन से न्यूयॉर्क जा रहा यह जहाज 15 अप्रैल 1912 को आइसबर्ग (हिमखंड) से टकरा गया था.आइसबर्ग से टकराने के बाद यह दो टुकड़ों में बंट गया और एकदम नीचे चला गया था. इस घटना में जहाज में सवार 2,200 लोगों में से करीब 1,500 लोगों की मौत हो गई थी.

घटना के एक सौ दस साल बाद डूबने की जगह एक पर्यटन स्थल बन चुका है, जहां लोग पनडुब्बियों के सहारे टूटे हुए जहाज के अवशेष को देखने के लिए जाते हैं. कनाडा के न्‍यूफाउंडलैंड में उत्‍तरी अटलांटिक में करीब 3800 मीटर गहराई में टाइटैनिक जहाज का अवशेष पड़ा है.

पर्यटकों को टाइटैनिक का अवशेष दिखाने के लिए ओशिनगेट एक्‍पीडिशंस की तरफ से पनडुब्बी को ऑपरेट किया जाता है. ऐसी ही एक पनडुब्बी, जिसमें एक पायलट और चार मिशन स्‍पेशलिस्‍ट्स सवार थे, का केप कोड के पूर्व में 900 मील दूर पर कनाडा की रिसर्च शिप एमवी पोलर प्रिं‍स का कॉन्‍टैक्‍स इससे टूट गया.

ओशिनगेट एक्‍पीडिशंस ने इस हादसे की जिम्‍मेदारी ली है. अंतरिक्ष विज्ञान शास्‍त्री और पत्रकार स्‍टीव नोरिस ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि पनडुब्‍बी में सिर्फ कुछ ही घंटों की ऑक्‍सीजन बची है. ऐसे में क्रू का पता लगाने के लिए सिर्फ 72 घंटे का ही समय है. हालांकि, विशेषज्ञों की मानें तो दूरदराज के इस इलाके में खोज करना एक चुनौती है. लेकिन फिर भी कोशिशें जारी हैं ताकि इस पर सवार लोगों को बचाया जा सके.