जांजगीर से लौटकर विधि अग्निहोत्री  की रिपोर्ट
सक्ती के ग्राम जगदल्ला की गृहणी पूजा चंद्रा आज अपने गांव के साथ छत्तीसगढ़ के लिए मिसाल बन गई हैं.  जिस व्यवसाय में पुरुषों का वर्चस्व होता है उसी डेयरी व्यवसाय को पूजा ने अपनाया. गृहणी से सफल उद्यमी बनने का सफर आसान नहीं था. पूजा एक आम गृहणी की तरह घर के काम-काज में लगी रहती. पूजा के पति एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं उनकी तनख्वाह इतनी अच्छी नहीं थी कि परिवार का खर्च अच्छे से चल सके. कम आमदनी के चलते पूजा ने कई बार व्यवसाय करने के बारे में सोचा. ताकि परिवार का खर्च आसानी से चल सके. पूजा ने निजी व्यवसाय करने की ठानी और पशुपालन व्यवसाय को आपनाने का फैसला किया. चूंकि कृषक परिवार से थी इसलिए डेयरी व्यवसाय में उनका विशेष रूझान था.

पशुपालन के लिए उन्होने शासकीय पशु चिकित्सालय के डॉक्टर ए.के.गबेल से संपर्क किया. यहाँ से उन्हे छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना की जानकारी मिली. इस योजना में वीपीटी के माध्यम से पशु चिकित्सालय सक्ती में पूजा चंद्रा ने डेयरी फार्मिंग व्यवसाय में एक माह का नि:शुल्क प्रशिक्षण प्राप्त किया. पूजा ने बताया कि पशु चिकित्सालय में उन्हे नियमित और गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण प्राप्त हुआ. वहाँ पशुओं के रख-रखाव की हर छोटी बड़ी बातें सिखाई गई. प्रशिक्षण के बाद पूजा ने पशुधन विकास विभाग की राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के अंतर्गत 12 लाख रूपये की लागत से नवीन डेयरी फार्म खोलने का आवेदन पंजाब नेशनल बैंक शाखा सक्ती में प्रस्तुत किया. बैंक ने पूजा का प्रशिक्षण देखते हुए डेयरी पालन हेतु 12 लाख रूपये ऋण की स्वीकृति प्रदान कर दी. इस राशि से पूजा ने 15 नग उन्नत नस्ल की गाय खरीदी. गायों के लिए मवेशी कोठा का निर्माण किया. निजी बोर खनन और वर्मी टांका का निर्माण कर एक वर्ष पहले डेयरी फार्म चालू किया. पूजा ने बताया कि ऋण राशि की किश्तें वर्ष 2017 से शुरू हुई हैं. तथा कुल12 लाख ऋण राशि में से 6 लाख रूपये की अनुदान की राशि है.

वर्तमान में डेयरी फार्म से पूजा चंद्रा को प्रतिदिन लगभग 150 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है. स्थानीय बाज़ार में दूध की बिक्री से पूजा को प्रतिमाह करीब 50 हजार रूपये की आमदनी हे रही है. पूजा आज खुद आत्मनिर्भर होने के साथ साथ अन्य दो बेरोजगार युवकों को भी रोजगार दे रही हैं. पशुधन विकास विभाग द्वारा उनकी डेयरी की नियमित देखभाल के साथ-साथ ही पशुओं को सतत् रूप से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है. डेयरी व्यवसाय के अलावा पूजा डेयरी फार्म से उत्पन्न गोबर एवं केचुआ खाद का उपयोग अपने कृषि भूमि में जैविक खाद के रुप में कर रही हैं. इससे पूजा को खेती में भी फायदा हो रहा है.

पूजा ने बताया कि जब उन्होने डेयरी व्यवसाय शुरू करने का विचार किया तो उनके पति देवप्रसाद चंद्रा और परिवारवालों ने इस कार्य के लिए उन्हे प्रोत्साहित किया. देवप्रसाद अपनी पत्नी की इस उपलब्धि से गौरवान्वित हैं. वे पत्नी की तारीफ करते हुए कहते हैं कि पूजा दूध निकलवाने और वितरण का कार्य स्वयं संपादित करती हैं. गुणवत्ता युक्त दूध वितरण के कारण सक्ती शहर में डेयरी को अच्छा रिसपांस मिल रहा है.

पूजा आज अपने क्षेत्र के लिए लोगों के लिए एक प्रशिक्षक और मार्गदर्शक भी बन गईं है. वह अन्य महिलाओं को भी इस तरह के व्यवसाय से जुड़ने की ओर प्रेरित कर रही है. इसके साथ-साथ वह व्यवसाय से जुड़ी प्रशिक्षण भी देती हैं.