विधि अग्निहोत्री,रायपुर/ अभिषेक सेमर, तखतपुर। शिक्षित बेरोजगारों की संख्या आजकल तेजी से बढ़ रही है. पढ़े लिखे होने के बावजूद भी युवा रोजगार की तलाश में दर-दर भटकते हैं. लेकिन इसके उलट बिलासपुर के मोढ़े गांव के प्रमोद कुमार निर्मलकर इन दिनों गांव के अन्य लोगों खास तौर से युवाओं के लिए प्ररेणा स्त्रोत बने हुए है.

दरअसल यह कहानी एक ऐसे युवक की है जिसने कृषि व्यवसाय को अपनाकर खुद को आर्थिक रूप से सशक्त किया है. प्रमोद कुमार निर्मलकर एक पढ़े लिखे युवा हैं जिन्होने भूगोल में स्नातकोत्तर किया है. अन्य युवाओं की तरह ही प्रमोद ने भी पढ़ाई के बाद एक सरकारी नौकरी करने की सोची और सारी परीक्षाएं भी दी. लेकिन कई प्रयासों के बाद भी प्रमोद को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई. 7 लोगों का बड़ा परिवार था लिहाजा प्रमोद को घर चलाने के लिए कुछ करना ही थी जिससे परिवार का खर्च चल सके. प्रमोद ने नौकरी के भरोसे ना बैठते हुए कृषि को अपना व्यवसाय बनाया.

प्रमोद ने कृषि कार्य को व्यावसायिक रूप देते हुए उद्यानिकी और कृषि विभाग से उपकरण प्राप्त किए और विभाग से सलाह मशवरा करके अपनी खेती को अपने रोजगार का साधन बनाया. प्रमोद ने सब्जी की खेती करना शुरू किया.  प्रमोद ने अपने माता-पिता को साथ लेकर पारंपरिक कृषि से अलग कार्य करना शुरू किया और नतीजा जल्दी ही सामने आ गया. एक ओऱ पारंपरिक खेती में जहाँ आमदनी कम थी तो वहीं दूसरी ओर सब्जी की खेती ने नगद आमदनी को बढ़ाया. जिससे प्रमोद अपने माता पिता का सहारा तो बना ही अपने दो छोटे भाइयो की शिक्षा दिक्षा का भी जरिया बना. सब्जी की खेती से मिले लाभ से उसने अपनी बहन की शादी कराई.

आधुनिक तकनीक जैसे  टपक सिंचाई पद्धति और कम्पोस्ट खाद तथा जैविक कीटनाशकों  के प्रयोग से आज उसके खेतों में सब्जी की फसल लोगों के साथ ही शासन के आकर्षण का भी केंद्र बन रहा है. सब्जी की खेती कर प्रमोद लाखों रुपये कमा लेते हैं सभी खर्चों को काट कर प्रमोद की सालाना आय 2 लाख की हो जाती है.

उन्नत स्तर की और आधुनिक तकनीक से की जा रही खेती के लिए प्रमोद को छत्तीसगढ़ कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जिला स्तरीय उन्नत कृषक के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है. जिसमें उसे प्रशस्ति पत्र और 25000 पुरस्कार के रूप में दिया गया.

प्रमोद ने उन्नत तकनीक से व्यावसायिक खेती करते हुए यह बताया कि खेती भी रोजगार का साधन बन सकती है और स्वयं को कृषि द्वारा  आर्थिक रूप से  सक्षम बनाया जा सकता है.