रायपुर। अगर आप तंत्र-मंत्र, जादू-टोना या चमत्कारों पर विश्वास करते हैं तो यह खबर आप के लिए है. तंत्र-मंत्र जैसे अंधविश्वासों के जरिए पैसा झरण और दस गुना करने के लालच में एक युवा ट्रांसपोर्टर कुछ ऐसा फंसा कि अंत उसकी दर्दनाक मौत से हुई. अंत भी ऐसा खौफनाक कि परिजनों को उसकी अस्थियां तक प्रवाहित करने के लिए नसीब नहीं हो पाई.
राजधानी पुलिस ने अभनपुर से गुम हुए ट्रांसपोर्टर अवसर सिंह की नृशंस तरीके से की गई हत्या के सनसनीखेज मामले का गुरुवार को खुलासा किया है. हत्यारों ने ट्रांसपोर्टर को जिंदा जलाकर हत्या कर दी.  अभनपुर थाना में  12 मार्च को मृतक ट्रांसपोर्टर अवसर सिंह ठाकुर के परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
मृतक-अवसर सिंह ठाकुर
मामले की जांच कर रही पुलिस को परिजनों से जानकारी मिली की मृतक सालभर से तंत्र-मंत्र के जरिए पैसों को दस गुना और नोटों के झरण के काम में लगा हुआ था और वह खोरपा निवासी कोटवार देवेन्द्र बया और भरेंगाभाठा निवासी सरगुनदास मानिकपुरी के साथ तंत्र-मंत्र के नाम पर रुपयों को 10 गुना कराने जाता था. वह पिछले 1 सप्ताह से दोनों से मिलने जाते रहता था.
मामले की जांच में लगी पुलिस को इसी दौरान भरेंगाभाठा बस स्टैण्ड के पास स्थित एक ढाबा के कर्मचारी ने बताया कि गुमशुदगी की दिनांक रात्रि में मृतक को सरगुन दास मानिकपुरी औऱ देवेन्द्र बया के साथ भरेंगाभाठा एनआईटी की ओर आते-जाते देखा था. उधर पुलिस ने जब आरोपी देवेन्द्र बया को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ किया तो आरोपी ने गुनाह कुबूल कर लिया.
आरोपी देवेन्द्र बया ने बताया कि मृतक अवसर सिंह ठाकुर पिछले 1 साल से उनके गिरोह का सदस्य बन चुका था और 40 हजार रुपए खुद भी पैसा दस गुना करने के नाम पर लगा चुका था. मृतक खुद लगभग आधा दर्जन अपने परिचितों को पैसा झरण के नाम पर झांसे में लेकर लाखों रुपए की ठगी करवा चुका है. मृतक ने इस संबंध में आरोपियों से की गई बातचीत को अपने मोबाइल पर रिकार्ड कर के दोनों आरोपी देवेन्द्र बया और सरगुनदास मानिकपुरी को ब्लैकमेलिंग किया करता था.
मृतक उनसे पैसों की मांग करके उन्हें धमकाया करता था कि वह पुलिस को रिकार्डिंग दे देगा. जिसके बाद आरोपियों ने अवसर सिंह ठाकुर को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया. जिसके अनुसार वे रात्रि 11 बजे मृतक को पूजा-पाठ के बहाने बोरियाकला ले गए जहां मृतक को रुद्राक्ष की माला देकर जाप करने के लिए कहा. जैसे ही मृतक आंखे बंद कर माला जपने लगा बैगा सरगुनदास ने उसे क्लोरोफार्म सुंघाकर बेहोश कर दिया और उसके साथ पहले जमकर मारपीट की. मारपीट करने के बाद आरोपियों ने खेत के मेढ़ में लगी सूखी घास और पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया और साक्ष्य मिटाने के लिए आरोपियों ने दूसरे दिन उसके जले हुए अवशेषों और कंकाल को बोरी में भरकर अलग-अलग जगह फेंक दिया. घटना स्थल से पुलिस ने मृतक के जिंस के जले टुकड़े और बटन व श्रीयंत्र बरामद किया. वहीं हत्या का दूसरा आरोपी बैगा सरगुनदास मानिकपुरी अभी भी फरार है.