
Bihar News: सीएम नीतीश कुमार प्रदेश में सुशासन की सरकार का दावा करते रहते हैं, लेकिन इस बार उनके ही अधिकारियों पर करोड़ों का घोटाले करने का आरोप लगा है. राजद सांसद सुधाकर सिंह ने आज शुक्रवार (07 मार्च) को यह आरोप लगाया है. सुधाकर सिंह ने कहा है कि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भरोसेमंद दो शीर्ष अधिकारी करोड़ों रुपये के घोटाले में शामिल हैं, जो एक निजी कंपनी और एक गैर सरकारी संगठन के बीच सांठगांठ से जुड़ा है. राजद सांसद के इस बयान के बाद बिहार में नया बवाल शुरू हो सकता है.
पीएम कार्यालय में सौपूंगा ज्ञापन- राजद सांसद
सुधाकर सिंह ने जिन दो अधिकारियों का उल्लेख किया है, फिलहाल उनकी तरफ से इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. राजद सांसद ने अपने एक बयान में कहा कि, उक्त स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) और निजी कंपनी के सांठगांठ से हुए करोड़ों रुपये के इस घोटाले की जांच के लिए मैं जल्द दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय, सीएजी, लोकपाल और संसद में ज्ञापन दूंगा.
राजद सांसद ने सीएम के प्रधान सचिव पर लगाया ये आरोप
सांसद सुधाकर सिंह ने आरोप लगाया कि, इस सप्ताह की शुरुआत में पेश किए गए राज्य बजट में बिहार सरकार के वित्त विभाग के द्वारा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार की बेटी और केवल ढाई महीने पहले स्थापित की गई कंपनी “बोधी सेंटर फॉर सस्टेनेबल ग्रोथ प्राइवेट लिमिटेड’ की मालिक ईशा वर्मा को 25 करोड़ रुपये से ‘बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड’ की स्थापना करके लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है. सांसद ने दावा किया कि बिहार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर की शादी दीपक कुमार की बहन से हुई है.
उन्होंने आगे कहा कि, आनंद किशोर ने ईशा वर्मा एवं उसकी कंपनी ‘बोधी सेंटर फॉर सस्टेनेबल ग्रोथ प्राइवेट लिमिटेड’ को वित्त विभाग में काम करने की अनधिकृत अनुमति बिना किसी निविदा या कानूनी प्रक्रिया के दी है. सिंह ने कहा कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मामले में दोनों अधिकारियों को बर्खास्त कर देना चाहिए. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो यह माना जाएगा कि वह भी घोटाले में शामिल हैं.
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