Sri Akal Takht Sahib द्वारा सुखबीर सिंह बादल को दी गई सजा का आज पांचवां दिन है. फतेहगढ़ साहिब में सुखबीर सिंह बादल आज पहरेदार के रूप में सेवा कर रहे हैं. उन्होंने पारंपरिक पोशाक पहनकर हाथ में भाला लिया और पहरेदारी की सेवा निभाई. सेवा के एक घंटे बाद वे सिमरन करेंगे. इसके बाद वे लंगर हॉल में झूठे बर्तनों की सफाई का काम भी करेंगे.
इस दौरान उनके साथ अन्य अकाली नेता भी सेवा करते नजर आए. 4 दिसंबर को दरबार साहिब में हुए एक हमले के बाद सुखबीर बादल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पंजाब पुलिस के साथ एसजीपीसी की टास्क फोर्स भी उनकी सुरक्षा में तैनात है. अकाली दल के नेता भी उनकी सुरक्षा का ध्यान रख रहे हैं.
इन नेताओं को भी सुनाई गई सजा
यह सजा सुखदेव सिंह ढींडसा को भी दी गई है. अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह पर धार्मिक कार्यक्रमों में बोलने पर रोक लगाई गई है. इसके अलावा सुच्चा सिंह लंगाह, हीरा सिंह गाबड़िया, बलविंदर सिंह भुंदर, दलजीत चीमा और गुलजार सिंह रणीके को संगत के लिए बने बाथरूमों की सफाई करने का आदेश दिया गया है. साथ ही, उन्हें नहाने के बाद लंगर हॉल में एक घंटे तक बर्तन धोने, एक घंटे तक कीर्तन सुनने और श्री सुखमनी साहिब के पाठ करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
Sri Akal Takht Sahib का सर्वोच्च अधिकार
श्री अकाल तख्त साहिब सिख धर्म की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था है. इसकी स्थापना सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद साहिब ने 1609 में की थी. यह संस्था इतनी ताकतवर है कि सिख समुदाय के हर व्यक्ति को इसके फैसले मानने होते हैं, चाहे वे नेता हों या अभिनेता. यहां तक कि सरकार भी इसके विरोध में नहीं जाती. हालांकि, इसके निर्णय केवल सिखों पर ही लागू होते हैं.
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