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अमृतसर. कांग्रेस पार्टी ने गुरदासपुर संसदीय हलके से सीनियर नेता व प्रदेश के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को टिकट से नवाजा है. पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष संतोख सिंह रंधावा के बेटे सुखजिंदर सिंह रंधावा को गांधी परिवार के साथ वफादारी का ईनाम मिला है. बीते चार दशकों से राजनीति में सक्रिय सुखजिंदर रंधावा पहली बार लोकसभा का चुनाव लडेंगे. इससे से पहले वह सीमावर्ती विधान सभा डेरा बाबा नानक से चार बार कांग्रेस की टिकट से विधायक निर्वाचित हुए हैं.
वह 2012, 2017 व 2022 में लगातार सुखजिंदर तीन बार विधायक चुने गए हैं. 2002 में भी वह चुनाव जीते थे. उनके पिता संतोख सिंह रंधावा भी इस विधान सभा हलके से तीन बार चुनाव जीते थे. गांधी परिवार से वफादारी के कारण ही उन्हें राजस्थान का प्रभारी नियुक्त किया था. बेशक कांग्रेस पार्टी विधान सभा का चुनाव हार गई, इसके बावजूद भी पार्टी में उनका कद कम नहीं हुआ. बीते विधान सभा चुनाव सुखजिंदर रंधावा मात्र 466 वोटों से जीते थे. 2017 का विधान सभा चुनाव 1194 मतों से व 2012 का विधान सभा चुनाव 3060 मतों से जीते थे. गुरदासपुर संसदीय हलके के साथ संबंधित विधान सभा सीटों में 6 सीटों पर कांग्रेस पार्टी के विधायक है. 2 पर आम आदमी पार्टी व 1 पर भाजपा के विधायक हैं. इसके बावजूद रंधावा की राह आसान नहीं है.
रंधावा के लिए पार्टी के अलग- अलग गुटों को एक साथ जोड़ना बड़ी चुनौती है. रंधावा को सीमावर्ती विधान सभा सीटों में अकाली दल के साथ मुकाबला है. बटाला, गुरदासपुर, पठानकोट व सुजानपुर से भाजपा के साथ मुकाबला होगा. आम आदमी पार्टी इस समय प्रदेश में सत्ता में + है. कलसी ने बटाला विधान सभा चुनाव 28000 से अधिक मतों से सिंह रंधावा जीता था. यह जिला गुरदासपुर में किसी उम्मीदवार की सबसे बड़ी जीत थी. भाजपा ने गुरदासपुर लोकसभा हलके से तीन बार के विधायक रहे दिनेश सिंह बब्बू व शिअद ने डॉ. दलजीत सिंह चीमा व आम आदमी पार्टी ने बटाला के विधायक अमनदीप कलसी को टिकट दी है.
इस बार शिअद पहली बार चुनाव मैदान में है. शिअद के लिए भी शहरी वोटरों को साधना एक चुनौती है. शिअद का संगठन इन हलकों में कमजोर है. दो विधान सभा चुनाव में शिअद का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. भाजपा उमीदवार दिनेश बब्बू के लिए भी सीमावर्ती विधान सभा हलकों के पार्टी के लिए वोटर जुटाना कोई आसान काम नहीं है. बीते विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का जिला गुरदासपुर में प्रदर्शन कमजोर रहा था.
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