सत्या राजपूत,रायपुर। छत्तीसगढ़ में गर्मी बढ़ने से जल संकट गहराने लगी है. पीने के पानी की बात करें तो 15 दिन से पहले इसकी संकट शुरू हो गई है, लेकिन अब जलाशय भी सूखने लगे हैं, जो आगे जल संकट के रूप में खड़ा हो सकता है. Read More – भीषण सड़क हादसा : तेज रफ्तार ट्रक ने ऑटो को मारी टक्कर, CG के तीन लोगों की ओडिशा में हुई मौत 5 घायल

भीषण गर्मी के बढ़ते प्रकोप के साथ-साथ प्रदेश के बड़े बांधों में जल भंडारण में लगातार गिरावट ने चिंता बढ़ा दी है. बीते लगभग 22-25 दिनों में बड़े जलाशयों का जल भंडारण 2 से 10 फीसदी तक कम हो गया है. इस गिरावट को देखते हुए आगामी मई माह में संकट गहराने की आशंका और बढ़ गई है. बीते दो सालों की तुलना में इस बार बड़े बांधों में जल भंडारण सबसे कम स्तर पर आ गया है. जैसे-जैसे पारा बढ़ रहा है गर्मी का कहर दिखने लगा है, वैसे-वैसे बांधों का पानी कम हो रहा है.

मार्च में ही मिल गया था जल संकट का संकेत

अगर हम मार्च से देखें तो आंकड़ा और चिंताजनक है. 26 मार्च के बाद अब तक इस स्थिति में ही अधिकतम 5-13 फीसदी तक का भंडारण कम हो गया है. ऐसे में जल संसाधन विभाग के सामने पेयजल स्टॉक सुरक्षित रखने के साथ अनुबंध मुताबिक उद्योग को जल आपूर्ति करने की भी बड़ी चुनौती है.

आंकड़े बता रहा जल संकट

एक नज़र यदि हम आंकड़ों पर डालते हैं तो तांदुल, मिनीमाता बांगो और अरपा भैंसाझार सहित अन्य कई बांधों में जलस्तर में भारी गिरावट दिख रही है. अरप भैंसाझार में तो 18 फीसदी तक गिरावट आ गई है. इसी तरह मुरूम सिल्ली बांध में भी 16 फीसदी तक कमी आई है. इसके साथ ही अन्य भागों में 10-14% तक की कमी दर्ज की गई है.

मानसून पर टिकी निगाहें

जल संसाधन विभाग के मुताबिक, सभी जरूरतों को पूर्ति करने के बाद निस्तारी के लिए लगभग 35 दिनों का ही पानी बचाने का संकेत दिया गया है. यदि इस बार मानसून समय पर नहीं आया और अच्छी बारिश नहीं होने की स्थिति में खरीफ फसल के लिए पानी का दबाव बढ़ेगा.

किसान होंगे प्रभावित

छत्तीसगढ़ में गर्मी फसल में धान के साथ सब्जियों का हर साल लाखों एकड़ में फसल लिया जाता है. इसमें से ज्यादातर खेती बांध पर निर्भर होता है, लेकिन जिस तरह से बांध से पानी कम हो रहा है, इससे किसान भी प्रभावित होंगे, उन्हें पानी नहीं मिलने का संकेत दिख रहा है.

कौन से बांध में कितना घटा जल स्तर

मिनीमाता बांगो में – 56.78-51.13 हो गया है, जबकि 2023 में 20 अप्रैल को 66.16 था.

रविशंकर सागर में- 36.78 से 32.50 हो गया है, जबकि 2023 में 20 अप्रैल को 53.67 था.

तांदुल जलाशय में – 39.57-29.65 हो गया है, जबकि 2023 में 20 अप्रैल को 55.84 था.

दुधवा जलाशय में – 19.94-18.24 हो गया है, जबकि 2023 में 20 अप्रैल को 75.27 था.

सिकासार बांध में – 46.49-36.07 हो गया है, जबकि 2023 में 20 अप्रैल को 56.21 था.

खारंग जलाशय में – 64.59-58.50 हो गया है, जबकि 2023 में 20 अप्रैल को 87.81 था.

सोंढूर जलाशय में -53.89 -45.60 हो गया है, जबकि 2023 में 20 अप्रैल को 72.16 था.

मुरुम सिल्ली में 42.90-26.49 हो गया है, जबकि 2023 में 20 अप्रैल को 71.08 था.

कोडार जलाशय में – 26.06-21.42 हो गया है, जबकि 2023 में 20 अप्रैल को 25.79 था.

मनियारी जलाशय में – 49.95-40.35 हो गया है, जबकि 2023 में 20 अप्रैल को 64.27 था.

केलो जलाशय में – 65.28- 60.10 हो गया है, जबकि 2023 में 20 अप्रैल को 67.34 था.

अरपा भैंसाझाडर में- 66.24- 48.94 हो गया है, जबकि 2023 में 20 अप्रैल को 27.24 प्रतिशत था.