भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एलॉन मस्क की कंपनी SpaceX के स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन के माध्यम से पृथ्वी पर लौटने वाली हैं. कुछ ही समय में स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग प्रक्रिया आरंभ होगी, और यह भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह 3.30 बजे लैंड करने की योजना है. इस संदर्भ में, सुनीता विलियम्स और अन्य तीन अंतरिक्ष यात्रियों की लैंडिंग प्रक्रिया को समझना आवश्यक है.

Nagpur Violence: ‘औरंगजेब की कब्र’ पर जला नागपुर, 30 पुलिसकर्मी घायल, हिरासत में लिए गए 65 आरोपी, शिंदे बोले- उपद्रवियों सजा भोगने के लिए तैयार रहो

सुनीता और बुच विल्मर पिछले वर्ष जून से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं. नासा और स्पेसएक्स के प्रयासों के माध्यम से उनकी घर वापसी की योजना बनाई गई है. इसके साथ ही, उनके साथ दो अन्य अंतरिक्षयात्री, निक हेग और एलेक्जेंडर गोर्बुनोव, भी लौटेंगे.

नासा ने सुनीता विलियम्स की वापसी का कार्यक्रम घोषित किया है, हालांकि यह केवल एक अनुमान है. मौसम की परिस्थितियों के कारण इसमें परिवर्तन संभव है. इस वापसी की यात्रा लगभग 17 घंटे की होगी.

भाषा विवाद पर बोले CM चंद्रबाबू नायड; तेलुगु पहले, लेकिन हिंदी भी फायदेमंद, नफरत करना गलत…

कैसा होगा स्पेस स्टेशन से धरती का सफर?

सुनीता विलियम्स के साथ स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट आज सुबह 10.35 बजे अनडॉक होगा. यह अनडॉकिंग प्रक्रिया स्वचालित रूप से संपन्न होगी.

अंतरिक्षयात्रियों की घर वापसी एक क्रमबद्ध प्रक्रिया में संपन्न होगी. प्रारंभ में, स्पेसक्राफ्ट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से अलग होकर धरती की ओर बढ़ेगा.

1) सफर की शुरुआत प्रेशर सूट पहनने से होगी… स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में चढ़ने के लिए अंतरिक्षयात्री सबसे पहले प्रेशर सूट पहनेंगे. इसके बाद हैच को बंद किया जाएगा और सभी प्रकार के लीक की जांच की जाएगी.

2) दूसरे चरण में स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग की प्रक्रिया शुरू होगी, जो कई चरणों में विभाजित है. सबसे पहले, सुरक्षा जांच की जाएगी, जिसमें स्पेसक्राफ्ट के अंदर जीवन समर्थन प्रणाली, संचार और थ्रस्टर प्रणाली की कार्यक्षमता की पुष्टि की जाती है. इसके बाद, स्पेसक्राफ्ट का लॉक खोला जाएगा, जिससे यह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जुड़ी कड़ियों को मुक्त करेगा. तीसरे चरण में, अनडॉकिंग प्रणाली सक्रिय होने पर थ्रस्टर का उपयोग करके स्पेसक्राफ्ट को आईएसएस से अलग किया जाएगा, जो इसकी गति और दिशा को नियंत्रित करता है. चौथे चरण में, अनडॉकिंग के बाद स्पेसक्राफ्ट की निगरानी की जाएगी, और अंत में, स्पेसक्राफ्ट पूरी तरह से आईएसएस से अलग होकर पृथ्वी की ओर यात्रा शुरू करेगा.

दिल्ली में जल्द ही काफी लोगों के राशन कार्ड हो सकते हैं रद्द, जानें किन लोगों के हटेंगे नाम

3) डीऑर्बिट बर्न की प्रक्रिया के तहत, स्पेसक्राफ्ट बुधवार तड़के लगभग 2.41 बजे अपने इंजन को चालू करेगा. इस बर्न के माध्यम से, स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के निकटता में आएगा.

4) पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश… जानकारी के अनुसार, स्पेसएक्स का विमान 27000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा.

5) पैराशूट का खुलना… इसके पश्चात, पृथ्वी की 18 हजार फीट की ऊंचाई पर सबसे पहले दो ड्रैगन पैराशूट खोले जाएंगे, और इसके बाद 6000 फीट की ऊंचाई पर मुख्य पैराशूट भी खोला जाएगा.

स्प्लैशडाउन की प्रक्रिया के अनुसार, नासा के अनुसार, अंतरिक्षयात्रियों की समुद्र में लैंडिंग फ्लोरिडा के तट पर निर्धारित की गई है. हालाँकि, यदि मौसम अनुकूल नहीं रहा, तो लैंडिंग का स्थान बदल सकता है. वर्तमान में, इस लैंडिंग का समय बुधवार की सुबह 3:27 बजे निर्धारित किया गया है.