नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए दी जा रही पांच एकड़ की जमीन को स्वीकार कर लिया है. बोर्ड के सदस्यों की बैठक में इस पर निर्णय लिया गया. बोर्ड जमीन पर मस्जिद बनाने के साथ इंडो-इस्लामिक रिसर्च सेंटर, एक अस्पताल और एक पुस्तकालय का निर्माण करेगा.
बाबरी मस्जिद के विषय पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को फैसला सुनाते हुए जहां विवादित स्थल को राम जन्मभूमि मानते हुए पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने का फैसला दिया था. इस फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या-लखनऊ राज्य मार्ग पर जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर अयोध्या के सोहावाल इलाके में ग्राम धान्नीपुर में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित की है.
सुन्नी वक्फ बोर्ड की इस मसले पर हुई बैठक के बाद बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारुकी ने पत्रकारों को बताया कि बोर्ड ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही पांच एकड़ जमीन को स्वीकार करने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि मस्जिद निर्माण के लिए जल्द ही ट्रस्ट की स्थापना की जाएगी. जमीन पर मस्जिद के अलावा इंडो-इस्लामिक रिसर्च सेंटर, सार्वजनिक पुस्तकालय, एक धर्मार्थ चिकित्सालय बनाने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि मस्जिद के आकार का निर्धारण स्थानीय जरूरतों को देखते हुए लिया जाएगा.