अभिषेक, सुपौल. नीतीश सरकार एक तरफ बिहार में पूर्ण शराबबंदी का दावा करते हुए अपनी पीठ थपथपाते नहीं थकती है. वहीं, दूसरी ओर आए दिन नेता से लेकर पुलिस और प्रदेश के कर्मचारी नशे के हालत में नजर आते रहते हैं. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर बिहार में इस तरह से कैसे शराबबंदी सफल होगा?

ताजा मामला सुपौल का है, जहां मद्य निषेध कार्यालय सुपौल के लिपिक को शुक्रवार की रात नशे की हालत में गिरफ्तार किया गया. वहीं, राघोपुर थाना में उक्त लिपिक मनीष कुमार के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया गया है. मामला मद्य निषेध, सिमराही के एएसआइ द्वारा दर्ज करवाया गया है, जिसमें लिपिक द्वारा शराब के नशे में दुर्व्यवहार व गाली-गलौज करने का आरोप लगाया है.

ASI के साथ नशे में दुर्व्यवहार करने का आरोप

मद्य निषेध एएसआइ निशा कुमारी ने आरोप लगाया है कि 21 फरवरी की शाम लगभग सात बजे थाना गणपतगंज के उद्घाटन समारोह के दौरान लिपिक ने शराब के नशे में मेरे साथ दुर्व्यवहार, गाली-गलौज एवं अनुशासनहीन आचरण किया. इधर, जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि, उत्पाद लिपिक द्वारा शुक्रवार की शाम शराब के नशे में महिला एएसआइ के साथ दुर्व्यवहार किया गया था, जिसको लेकर उसकी गिरफ्तारी की गई.

लिपिक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई

मामले में आरोपित लिपिक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जा रही है. वही महिला एएसआइ के साथ दुर्व्यवहार को लेकर भी कार्रवाई होगी. सरकारी कर्मी द्वारा ऐसे आचरण मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. इसको लेकर विभाग से भी पत्राचार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- तो बलात्कारी का बेटा बलात्कारी बनेगा? CM नीतीश के बेटे निशांत कुमार को सपोर्ट करना जीतन राम मांझी को पड़ा महंगा